Devshayani Ekadashi 2022: चातुर्मास में करें ये नौ काम, हर मनोकामना होगी पूरी

Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से होती है. इसलिए व्रत की शुरुआत पर नमक त्याग दें. अब अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद सबसे पहले व्रत का संकल्प लें.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 10, 2022, 07:09 AM IST
  • विष्णु जी को पंचामृत से स्नान कराएं
  • सावधानी को समय होता है चातुर्मास
Devshayani Ekadashi 2022: चातुर्मास में करें ये नौ काम, हर मनोकामना होगी पूरी

नई दिल्लीः Devshayani Ekadashi 2022: देवशयनी एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि की रात्रि से होती है. इसलिए व्रत की शुरुआत पर नमक त्याग दें. अब अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद सबसे पहले व्रत का संकल्प लें. देवशयनी एकादशी के दिन पूरे घर में आम के पत्तों से गंगाजल का छिड़काव करें. ऐसा करने से घर में सकारात्मकता आएगी.

विष्णु जी को पंचामृत से स्नान कराएं
घर के पूजन स्थल पर विष्णु जी की अष्टधातु या सोने, चांदी, तांबे अथवा पीतल की मूर्ति की स्थापना करें. इसके बाद उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं. विष्णु जी को प्रसन्न करने और आर्थिक समस्याओं से बचने के लिए आज सरसों के तेल और ज्वार का दान करना अच्छा होगा. देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना अच्छा होता है. इससे घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती है.

धन प्राप्ति के लिए देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें. ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होगा. साथ ही घर में रहने वालों की तरक्की होगी.

सावधानी का समय होता है चातुर्मास
आज से चातुर्मास आरंभ हो रहा है, शास्त्र में चातुर्मास में यज्ञोपवीत संस्कार, विवाह, दीक्षाग्रहण, यज्ञ, ग्रह प्रवेश, गोदान, प्रतिष्ठा एवं जितने भी शुभ कर्म है, सभी त्याज्य होते हैं. यह समय बहुत सावधानी का होता है. इस काल में पित्त स्वरूप अग्नि की गति शांत हो जाने के कारण शारीरिक शक्ति क्षीण हो जाती है.

चातुर्मास अवधि में विविध प्रकार के कीटाणु और रोगकारक जंतु उत्पन्न हो जाते हैं. इस प्रकार देखा जाए तो चार मास में नियमों में बांधकर हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों ने ऐसी व्यवहारिक व्यवस्था बनाई जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अद्भुत है. यह एक प्रकार की चिकित्सा व्यवस्था है.

जो साधक अपना मनोकामना सीधी चाहते हैं तो चातुर्मास में करें ये नौ कामः
1. देह शुद्धि या सुंदरता के लिए पंचगव्य का सेवन करें.
2. वंशवृद्धि के लिए नियमित दूध का सेवन करें.
3. मधुर स्वर के लिए गुड़ का त्याग करना चाहिए.

4. दीर्घायु होने व पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए तेल का त्याग करना चाहिए.
5. कड़वे तेल का त्याग करने से शत्रु परास्त होते हैं.
6. मीठे तेल का त्याग से ऐश्वर्य प्राप्त होता है.

7. किसी भी प्रकार के पुष्प व सुंदर भोगों का त्याग करने से स्वर्गलाभ होता है.
8. देवशयन के चार मासों में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों यथासंभव त्याग करें.
9. पलंग पर सोना, संसर्ग, झूठ बोलना, मांस, शहद और दूसरे का दिया भोजन, मूली, परवल और बैंगन का भी त्याग बताया गया है.

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