Daridra Yog ग्रहों की चाल का सभी राशि के जातकों पर असर पड़ता है. ग्रहों के गोचर से कई प्रकार के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है. जहां कुछ राशियों को ग्रहों के गोचर से सकारात्मक परिणाम मिलता है तो अन्य राशियों पर नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलता है. मंगल 10 मई, 2023 को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करेंगे, जिससे दरिद्र योग का निर्माण होगा.
वैदिक ज्योतिष में दरिद्र योग को एक अशुभ योग माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में यह योग होता है उन्हें अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा उनकी मेहनत और प्रयास व्यर्थ जा सकते हैं. मंगल के गोचर से बनने वाले दरिद्र योग से मिथुन, तुला, मकर व मीन रासि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है.
कुंडली में कैसे बनता है दरिद्र योग?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अनुकूल ग्रह और प्रतिकूल ग्रह की युति किसी व्यक्ति की कुंडली में दरिद्र योग बनाती है. इसके अलावा, जब दूसरे और ग्यारहवें भाव के शासक ग्रह अपनी सबसे कमजोर राशि में या छठे, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होते हैं, तो यह भी दरिद्र योग का निर्माण होता है.
दरिद्र योग के प्रभाव को कम करने के उपाय
दरिद्र योग के प्रभाव को कम करने के लिए अपने माता-पिता और जीवन साथी का सम्मान करें. पीपल के पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी दरिद्र योग के प्रभाव को कम किया जा सकता है. इसके अलावा सुंदरकांड का पाठ करने और मां लक्ष्मी को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाने से भी इसके प्रभाव कम हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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