पंचांग 23 सितंबर : मघा नक्षत्र में श्राद्ध का है विशेष महत्व! जानें शुक्रवार का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, नक्षत्र, योग और उपाय

Daily Panchang: आज दिन शुक्रवार और तारीख 23 सितंबर है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि है. आज महत्वपूर्ण योग और नक्षत्र क्या है, शुभ मुहूर्त कब है, जब नया काम शुरू किया जा सकता है और राहु काल का वक्त कब है, जब कोई भी काम शुरू करने से बचना चाहिए, इन सभी बातों के बारे में बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्यः  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 23, 2022, 08:55 AM IST
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पंचांग 23 सितंबर : मघा नक्षत्र में श्राद्ध का है विशेष महत्व! जानें शुक्रवार का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, नक्षत्र, योग और उपाय

नई दिल्ली: Daily Panchang: आज दिन शुक्रवार और तारीख 23 सितंबर है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि है. आज महत्वपूर्ण योग और नक्षत्र क्या है, शुभ मुहूर्त कब है, जब नया काम शुरू किया जा सकता है और राहु काल का वक्त कब है, जब कोई भी काम शुरू करने से बचना चाहिए, इन सभी बातों के बारे में बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्यः

साथ ही आचार्य से आज के पंचांग में व्रत और त्योहार, गुप्त मनोकामना पूरी करने के उपाय व भविष्यवाणी के बारे में भी जानिए.

आज का पंचांग

आश्विन - कृष्ण पक्ष - त्रियोदशी - शुक्रवार
नक्षत्र - मघा
महत्वपूर्ण योग - सिद्ध
चन्द्रमा का सिंह राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - 11.57 बजे से 12.46 बजे तक
राहु काल- 10.50 बजे से 12.21 बजे तक

त्योहार-  प्रदोष, त्रियोदशी का श्राद्ध

मघा श्राद्ध का महत्व
श्राद्ध की हर एक तिथि का अपना महत्व होता है. पितृ पक्ष की इन्हीं तिथियों में से एक है मघा श्राद्ध. आज शुक्र प्रदोष को मघा नक्षत्र श्राद्ध का विशेष योग बन रहे हैं. हिन्दू पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि के दिन होने वाली श्राद्ध को मघा श्राद्ध कहते हैं. शास्त्रों में यह बताया गया है कि मघा नक्षत्र में किया जाने वाला श्राद्ध पराक्रम, प्रतिष्ठा, शुभ लक्ष्मी तथा वंश वृद्धि करने वाला होता है.

ज्योतिष शास्त्र में मघा नक्षत्र के देव पितृ हैं. इसलिए श्राद्ध में इस तिथि का महत्व अधिक है. मघा नक्षत्र का नक्षत्र मंडल में दसवां स्थान माना जाता है और इसके चारों चरण सिंह राशि में आते हैं. इस नक्षत्र का स्वामी केतु है. राशि स्वामी सूर्य है.

यदि मघा नक्षत्र अपराह्न काल के दौरान दो दिनों में आंशिक रूप से प्रबल होता है, तो वह दिन अनुष्ठान करने के लिए उपयुक्त माना जाता है. यह आम तौर पर पितृ पक्ष का 13वां दिन होता है.  

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए क्या करें?
आज खीर बनाकर मिट्टी के पात्र में रख लें. खीर के उपर एक उड़हूल का पुष्प सीधी मुद्रा में रख दें. आज सांयकाल से पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.

भविष्यवाणी - ज्योतिष के अनुसार जो भी ग्रह सूर्य के करीब पहुंचता है वह अस्त हो जाता है. शुक्र ग्रह सिंह राशि में अस्त हो चुके हैं. शुक्र ग्रह के सूर्य के नजदीक जाने से यह सिंह राशि में अस्त हो गया. शुक्र के अस्त होने से कई राशियो पर इसका विपरित प्रभाव पड़ने वाला है. किसी ग्रह के अस्त होने पर उसके कारक में कमी आ जाती है कमजोरी आ जाती है. शुक्र ग्रह समृद्धि का ग्रह माना जाता है. विलासिता का ग्रह माना जाता है. इसके अस्त होने पर विभिन्न राशियों के जातक में यही दिखने वाला है. शुक्र भोगकारक ग्रह है. पति-पत्नी के संबंधों पर भी इसका प्रभाव दिखेगा. विशेषकर मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों को सतर्क रहना होगा. इन राशियों के जातकों को आर्थिक नुकसान, पारिवारिक नुकसान और भावनात्मक पीड़ा से गुजरना पड़ सकता है.

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