Ahoi Ashtami 2022: ये व्रत रखने से पूरी होती है संतान सुख की कामना, बस इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Ahoi Ashtami 2022: हिंदू धर्म में संतान और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं कई व्रत रखती हैं. इन्हीं में से एक है अहोई अष्टमी व्रत. हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 17, 2022, 11:25 AM IST
  • दंपति जरूर करें अहोई अष्टमी व्रत
  • इन नियमों का रखें विशेष ख्याल
Ahoi Ashtami 2022: ये व्रत रखने से पूरी होती है संतान सुख की कामना, बस इन बातों का रखें विशेष ध्यान

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में संतान और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं कई व्रत रखती हैं. इन्हीं में से एक है अहोई अष्टमी व्रत. हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत काफी महत्वपूर्ण है और इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना से व्रत करती हैं. और भगवान शंकर-पार्वती की उपासनी करती है. अहोई अष्टमी पर चांद और तारों को देखने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.

संतान सुख की कामना करने वाले दंपति जरूर करें अहोई अष्टमी व्रत
ऐसी मान्यता है कि अहोई माता की विधि-विधान से पूजा करने से संतान को लंबी आयु प्राप्त होती है. साथ ही उनकी संतान की ज़िन्दगी में उन्नति और, सुख-समृद्धि आती है. इसके अलावा जो संतान की कामना करने वाले दंपति हैं, उनके घर में भी खुशखबरी आती है. मां अपने बच्चों की लंबी उम्र की कामना हेतु ये व्रत रखती हैं. वे काफी श्रद्धा भाव से माता अहोई की पूजा करती हैं. ज्योतिष शास्त्र में अहोई अष्टमी का विशेष महत्व बताया गया है.

ऐसी मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखकर विधि विधान से अहोई माता की पूजा करने से मां पार्वती अपने पुत्रों की तरह ही आपके बच्चों की रक्षा करती हैं. पुत्र प्राप्ति के लिए भी यह व्रत खास महत्व रखता है. कहा जाता है कि अहोई अष्टमी का व्रत बहुत कठिन होता है. मान्यता है कि जो भाग्यशाली होते हैं,उन्हें ही संतान प्राप्ति का सुख प्रदान होता है. इसीलिए माताएं ही अपनी संतान की लंबी आयु के लिए ये व्रत रखती हैं. जो लोग इस व्रत को करते हैं, उनको इस व्रत का महत्व और इससे संबंधित कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.

अहोई अष्टमी व्रत पर इन नियमों का रखें विशेष ख्याल
1. अहोई अष्टमी के दिन भगवान गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
2. अहोई अष्टमी व्रत तारों को देखकर खोला जाता है. इसके बाद अहोई माता की पूजा की जाती है.
3. इस दिन कथा सुनते समय हाथ में 7 अनाज लेना शुभ माना जाता है. पूजा के बाद यह अनाज किसी गाय को खिलाना चाहिए.
4.अहोई अष्टमी की पूजा करते समय साथ में बच्चों को भी बैठाना चाहिए. माता को भोग लगाने के बाद प्रसाद बच्चों को अवश्य खिलाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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