Aaj Ka Panchang: आज है मित्र सप्तमी, पंचांग में जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल और उपाय

Aaj Ka Panchang: सूर्यदेव मित्रों के समान प्रेरणा देते हैं. सकारात्मकता प्रदान करते हैं. सूर्यदेव प्रत्यक्ष देवता हैं. मित्र सप्तमी व्रत सभी सुखों को प्रदान करने वाला है. मित्र सप्तमी का व्रत करने से भगवान सूर्य नेत्र ज्योति प्रदान करते हैं. इस व्रत के प्रभाव से चर्म तथा नेत्र रोग से मुक्ति मिलती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 30, 2022, 06:57 AM IST
  • परिवार में आती है सुख समृद्धि
  • नीले रंग के वस्त्र धारण न करें
Aaj Ka Panchang: आज है मित्र सप्तमी, पंचांग में जानिए शुभ मुहूर्त, राहुकाल और उपाय

नई दिल्लीः Aaj Ka Panchang: सूर्यदेव मित्रों के समान प्रेरणा देते हैं. सकारात्मकता प्रदान करते हैं. सूर्यदेव प्रत्यक्ष देवता हैं. मित्र सप्तमी व्रत सभी सुखों को प्रदान करने वाला है. मित्र सप्तमी का व्रत करने से भगवान सूर्य नेत्र ज्योति प्रदान करते हैं. इस व्रत के प्रभाव से चर्म तथा नेत्र रोग से मुक्ति मिलती है.

परिवार में आती है सुख समृद्धि
इस व्रत से आरोग्य व आयु की प्राप्ति होती है. इस दिन सूर्य की किरणों को अवश्य ग्रहण करना चाहिए. इस व्रत के पालन से घर में धन धान्य की वृद्धि होती है और परिवार में सुख समृद्धि आती है. इस दिन तेल और नमक का त्याग करना चाहिए.

नीले रंग के वस्त्र धारण न करें
रविवार और भगवान सूर्य की प्रिय तिथि सप्तमी को नीले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए. इस दिन सूर्यदेव की पूजा अर्चना करने और भोर में अर्घ्य देने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. सप्तमी को फलाहार कर अष्टमी को मिष्ठान ग्रहण करते हुए व्रत पारण करें.

इन चीजों से करें सूर्यदेव की पूजा
फल, दूध, केसर, कुमकुम बादाम आदि से सूर्यदेव की पूजा की जाती है. मित्र सप्तमी का व्रत कठिन कार्यों को भी संभव बनाने की शक्ति रखता है और शत्रु को भी मित्र बनाने की क्षमता रखता है.

आज का पंचांग
तिथि - 30 नवंबर 2022
मार्गशीर्ष - शुक्ल पक्ष- सप्तमी तिथि 7.41 बजे तक, इसके उपरांत अष्टमी तिथि - बुधवार
नक्षत्र – धनिष्ठा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग – व्यतिपात योग
चंद्रमा का कुंभ राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - सूर्य उदय से 8.58  बजे तक
आज का राहु काल - 12.13 बजे से 1.43 बजे तक

आज का त्योहार
आज 30 नवंबर 2022 को मित्र सप्तमी, विष्णु सप्तमी, नंदा सप्तमी, भद्रा सप्तमी है.
 
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
एक भोजपत्र पर अपनी मनोकामना लाल चंदन से लिखें और उस पर एक गोमती चक्र को रखकर उसे लपेटकर सायंकाल से पहले माता लक्ष्मी को अर्पित करें.

भविष्यवाणी
मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष ग्रह परिवर्थान होने से चाय, कोफ़ी, गुड, चना, तिल, मूंगफली, ऊनी वस्त्र, रुई, खल, चुरी, बिनोला, पशु चारा आदि में चढ़ाव रहेगा.

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