Aaj Ka Panchang: आज से शुरू हो रहा कार्तिक मास, सोमवार के पंचांग में जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार साल का आठवां महीना कार्तिक होता है. पुराणों में कार्तिक मास को स्नान, व्रत और तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. इस बार कार्तिक मास का स्नान 29 अक्टूबर से कार्तिक स्नान आरंभ हो रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 10, 2022, 06:02 AM IST
  • शुभ फल मिलता है, पापों का होता है शमन
  • कार्तिक मास में गंगा स्नान का है बड़ा महत्व
Aaj Ka Panchang: आज से शुरू हो रहा कार्तिक मास, सोमवार के पंचांग में जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल

नई दिल्ली: Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार साल का आठवां महीना कार्तिक होता है. पुराणों में कार्तिक मास को स्नान, व्रत और तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है. इस बार कार्तिक मास का स्नान 29 अक्टूबर से कार्तिक स्नान आरंभ हो रहा है.

शुभ फल मिलता है, पापों का होता है शमन
इस पूरे महीने स्नान, दान, दीपदान, तुलसी विवाह, कार्तिक कथा का महात्म्य आदि सुना जाता है. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और पापों का शमन होता है. पुराणों के अनुसार, जो व्यक्ति इस महीने में स्नान, दान और व्रत करते हैं, उनके पापों का अंत हो जाता है.

कार्तिक मास में गंगा स्नान का है महत्व
कार्तिक मास अत्यधिक पवित्र माना जाता है. भारत के सभी तीर्थों के समान पुण्य फलों की प्राप्ति एक इस माह में मिलती है. इस माह में की गई पूजा और व्रत से ही तीर्थ यात्रा के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति हो जाती है. इस माह के महत्व के बारे में स्कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण आदि प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. कार्तिक मास में किए स्नान का फल, एक सहस्र बार किए गंगा स्नान के समान, सौ बार माघ स्नान के समान है.

आज का पंचांग
कार्तिक - कृष्ण पक्ष - प्रतिप्रदा - सोमवार
नक्षत्र - रेवती
महत्वपूर्ण योग - व्याघात योग
चंद्रमा का मेष के उपरांत वृषभ राशि पर संचरण

आज शुभ मुहूर्त - 11.49 बजे से 12.33 बजे तक
आज का राहु काल- सुबह 08.06 बजे से 09.27 बजे तक

त्योहार- कार्तिक मास प्रारंभ

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
एक सूखा नारियल, पांच बताशे या ढाई सौ ग्राम चीनी, तीन मुट्ठी आटा सफेद सूती वस्त्र में लपेटकर सायंकाल में नदी किनारे थोड़ा सा गड्ढा करके दबा दीजिए. उसके ऊपर एक मिट्टी का दीपक जला दीजिए.

आचार्य विक्रमादित्य की भविष्यवाणी
इस मास में कृष्ण पक्ष में एक तिथि की वृद्धि हो रही है और शुक्ल पक्ष में एक तिथि घट रही है. योग कहता है कि एक वास्तु क्या घटे, सभी वास्तु घट जाए. बाजार का रुख नरम रह सकता है.

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