इस जाट नेता को चुनाव लड़वाने के लिए मां बेच दी थीं बालियां

वरिष्ठ नेता

वरिष्ठ नेता डॉ. सतीश पूनिया आमेर से विधायक और राजस्थान विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष है.

प्रदेशाध्यक्ष

वह राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके है. काफी लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए एक सक्रिय नेता है.

आमेर

तीसरी बार सतीश पूनिया आमेर से चुनाव लड़ेंगें

किसान परिवार से ताल्लुक

एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. पूनिया ने लंबे संघर्ष के बाद राजनीति में जगह बनाई और केन्द्रीय नेताओं से रिश्ते बेहतर बनाए.

मां की प्रेरणा

सतीश पूनिया ने कहा कि राजनीति का पहला पाठ उन्होंने अपनी मां की प्रेरणा से ही सीखा है.

जीत के प्रति आश्वस्त

वे कहते हैं अपना नामांकन करने के लिए निकले तो उनकी मां ने उन्हें सौ रुपये दिए और कहा कि वे उनकी जीत के प्रति आश्वस्त हैं और वे बड़ी जीत हासिल करने में सफल रहेंगे

राजनीतिक सफर

सतीश पूनिया साल 1982 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्‌ की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर ABVP से जुड़े और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए.

शिक्षा

सतीश पूनिया की शुरुआती शिक्षा राजगढ़ में पूरी हुई, और राजस्थान यूनिवर्सिटी से PHD की डिग्री हासिल की.

आंदोलन

1989 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महासचिव बने और बोफोर्स घोटाले के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया फिर उन्हें इस दौरान जेल भी जाना पड़ा.

भारतीय जनता युवा मोर्चा

साल 1998 से लेकर 2003 भारतीय जनता युवा मोर्चा की केंद्रीय कार्यकारिणी में साझेदारी निभाना और पंजाब के प्रभारी के रूप में कार्य किया.

राजनीतिक सफर कॉलेज समय से शुरू

लेकिन भारतीय जनता पार्टी में शामिल साल 2004 में हुए.

उपनेता प्रतिपक्ष

ऐसे में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ का प्रमोशन करते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तो वही सतीश पूनिया को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया गया.

कुल संपत्ति

सतीश पूनिया की कुल संपत्ति 3,61,69,270 करोड़ है.

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