गरुड़ पुराण के अनुसार, नरक लोक धरती के नीचे होता है, जिसे अधोलोक भी कहा जाता है.
माना जाता है कि नरक त्रिलोक के भीतर है. यह दक्षिण की ओर पृथ्वी से नीचे जल के ऊपर बना हुआ है.
यहां सूर्य पुत्र पितृराज यम रहते हैं. यमदेव यहां पर अपने दूतों के द्वारा लाए गए मृतक लोगों को उनके बुरे कर्मों का दण्ड देते हैं.
माना जाता है कि नरक की कुल संख्या 55 करोड़ से भी ज्यादा हैं, जिनमें 21 सर्वप्रमुख हैं.
गरुड़ पुराण के मुताबिक, देवी-देवता और पितरों का अपमान करने वाले लोगों को नरक लोक मिलता है.
साथ ही जो लोग मदिरा पान, तामसिक भोजन, मांस का सेवन करते हैं, क्रोधी और अहंकारी लोग, असहाय को सताने वाले लोगों को नरक लोक की सजा भुगतनी पड़ती है.
इन सभी को मृत्यु के बाद अपने द्वारा किए गए पापों को दण्ड मिलता है.
इसके अलावा जो लोग पाप के भागीदार बनते हैं, उन्हें भी नरक जाना पड़ता है और सजा भोगनी पड़ती है.
ऐसे में अगर आप नरक लोग जाने से बचना चाहते हैं, तो कुछ चीजों के ध्यान जरूर रखें.
इसके लिए एकादशी का व्रत करें, कहा जाता है कि एकादशी का व्रत करने से मरने के बाद स्वर्ग मिलता है.
साथ ही बुरे कर्म ना करें और पुण्य देने वाले काम को अपने जीवन में अपनाएं. पितरों का नियम अनुसार श्राद्ध करें.