चहलारी घाट ब्रिज यूपी का सबसे लंबा पुल है. यह सरयू नदी पर बना है. इसकी लंबाई ये 3760 मीटर है. ये बहराइच को सीतापुर से जोड़ता है.
अकबरी ब्रिज या मुगल ब्रिज को जौनपुर ब्रिज नाम से भी जाना जाता है, यह यूपी के जौनपुर में गोमती नदी पर बना है. शाही ब्रिज 1.7 किलोमीटर लंबा है, जो मड़ियाहू से किराकट को जोड़ता है. यह ब्रिज 500 साल से ज्यादा पुराना है.
ओल्ड नैनी ब्रिज उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत के सबसे पुराने और लंबे पुलों में से एक है. 1006 मीटर लंबा ब्रिज प्रयागराज से नैनी को जोड़ता है. ऊपरी हिस्सा नैनी जंक्शन को इलाहाबाद जंक्शन से जोड़ता है. जबकि निचला हिस्सा 1927 से सड़क परिवहन के लिए है.
बाराबंकी में बना 3695 लंबा एलगिन ब्रिज घाघरा नदी पर बना है. यह पुल शारदा औऱ घाघरा नदी दोनों को कवर करता है. यह भारत के गवर्नर जनरल लार्ड एल्गिन के नाम पर यह बना था.
मालवीय ब्रिज 1887 में वाराणसी में गंगा नदी पर 1048.5 मीटर लंबा बना डबल डेकर ब्रिज है. यह गंगा नदी पर सबसे लंबे पुलों में है. जीटी रोड इसी से गुजरती है. अवध और रुहेलखंड रेलवे के इंजीनियरों ने यह ऐतिहासिक ब्रिज बनाया.
कुशीनगर के हेतिमपुर में अंग्रेजों के जमाने का छोटी गंडक नदी पर बना पुल भी इसी लिस्ट में है. इसे अंग्रेजी हुकूमत ने 1904 में बनाया था. यह 118 साल पुराना हो चुका है.
लार्ड कर्जन के नाम पर प्रयागराज में पुल बना था. 1901 में इसका निर्माण शुरू हुआ. पुल की पहली मंजिल पर रेलवे लाइन है. जबकि ऊपरी हिस्सा में सड़क. गंगा नदी पर बने इस पुल की लंबाई 5 KM है.