आपने कई जानवरों की पूजा होते देखा या सुना होगा, जैसे हाथी, गाय, कछुआ आदि
पर क्या आपने कभी कुतिया महारानी के मंदिर या पूजा के बारे में सुना है.
यूपी के झांसी जिले कि मऊरानीपुर तहसील में ये एक छोटा-सा मंदिर है जिस पर लिखा हुआ है 'जय कुतिया महारानी मां'.
सड़क किनारें बने इस छोटे से मंदिर में एक काले रंग की पत्थर की कुतिया की मूर्ति है.
दरअसल ये मंदिर दो गावों के बीच सीमा पर बना हुआ है.
मान्यता है कि रेवन गांव और ककवारा गांव में एक कुतिया रहती थी.
जब भी दोनों गावों में कोई आयोजन होता तो कुतिया वहा पर खाना खाने पहुंच जाती थी.
एक बार रेवन गांव में कोई आयोजन हुआ लेकिन जब तक कुतिया वहां पहुंची तो खाना खत्म हो चुका था.
उसके बाद कुतिया दूसरे गांव ककवारा पहुंची पर वहां पर भी खाना नहीं मिला और कुतिया भूख से मर गई.
तभी से गांव वाले उस कुतिया का मंदिर बनाकर उसे पूजते है. दोनों गावों आज भी जब कोई आयोजन होता है तो कुतिया को पहले खाना परोसा जाता है.