देश के कई राज्यों में जल्द ही बुलेट ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होगी. यूपी के वाराणसी से लेकर पश्चिम बंगाल में हावड़ा तक बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है. काशी से पटना होते हावड़ा की बुलेट ट्रेन का सर्वे पूरा हो गया है. काशी के कई गांवों की जमीन चिह्नित की गई है.
2026 तक हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) मुंबई से अहमदाबाद के बीच दौड़ने लगेगी. इसके साथ ही वाराणसी से हावड़ा वाया पटना हाई स्पीड रेल कारिडोर परियोजना भी पटरी पर आती दिखने लगी है..
नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड दिल्ली-हावड़ा बुलेट ट्रेन चलाने पर काम कर रहा है. पहले फेज में वाराणसी से हावड़ा कॉरिडोर बनेगा. दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी वाया लखनऊ का निर्माण होगा.
वाराणसी-हावड़ा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की कुल लंबाई 760 किलोमीटर होगी. जिसमें एलिवेटेड रूट, अंडरग्राउंड रूट और ग्रेड यानी समतल जमीन पर ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा.760 किमी रूट पर 10 स्टेशन होंगे.
वाराणसी, बक्सर, आरा, पटना व नवादा, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान और हावड़ा है. हाई स्पीड रेल से अधिकतम तीन घंटे में वाराणसी से कोलकाता पहुंचना संभव होगा.
वाराणसी-कोलकाता के बीच चलने वाली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की रफ्तार करीब 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. जापानी तकनीक के आधार पर रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाना है.
हाई स्पीड रेल नेटवर्क तैयार हो जाने के बाद इसे दिल्ली-हावड़ा से भी जोड़ा जाएगा. वहीं हाई स्पीड रेल नेटवर्क तैयार होने के बाद लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी.
इस रेलवे लाइन को एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे व ग्रीनफील्ड क्षेत्र के साथ चलाने की योजना है। कई शहरों में इसकी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्य सड़क के पास से इसे ले जाया जा सकता है.
हाई स्पीड रेल नेटवर्क तैयार हो जाने के बाद इसे दिल्ली-हावड़ा से भी जोड़ा जाएगा. वहीं हाई स्पीड रेल नेटवर्क तैयार होने के बाद लोगों को बेहतर सुविधा मिलेगी.
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी.