प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का नजारा देखने लायक बन रहा है. रोजाना लाखों लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
महाकुंभ को आत्मा की शुद्धि और मोक्ष का द्वार माना जाता है. मान्यता है कि महाकुंभ की भूमि पर पांव रखने से ही पाप धुल जाते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ स्नान के समय श्रद्धालुओं को मंत्रों का जाप करना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में.
मान्यता है कि भगवान शिव जी और गंगा स्तुति का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान का आशीर्वाद मिलता है.
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।
गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।
गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ॥ देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे । शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।। का जाप कर सकते हैं.
अगर आपको मंत्र याद नहीं हैं तो ॐ नमः शिवाय' का जाप कर सकते हैं.
लेख में दी गई ये जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.