पौराणिक मान्यताओं है कि अमृत कलश लेकर जयंत को स्वर्ग पहुंचने में 12 दिन लग गए और देवताओं का 1 दिन पृथ्वी के एक साल के बराबर होता है. इस तरह महाकुंभ मेला 12 साल के अंतराल में होता है.
महाकुंभ 2025 प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि तक चलेगा.
महाकुंभ में कुल तीन अमृत स्नान होंगे, पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को होगा.
दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को और तीसरा बसंत पंचमी पर 3 फरवरी को होगा.
ग्रह नक्षत्र, जिनके आधार पर महाकुंभ का आयोजन केवल 4 जगहों किया जाता है. ये जगहें हैं- प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक व उज्जैन.
जब गुरु वृषभ राशि में व सूर्य मकर राशि में हो तो प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है.
गुरु और सूर्य जब सिंह राशि में गोचर करे तो नासिक में कुंभ का होता है
जब गुरु कुंभ राशि में और मेष राशि में सूर्य हो तो हरिद्वार में कुंभ होता है.
सूर्य मेष राशि में हो व सिंह राशि में गुरु हो तो कुंभ उज्जैन में होता है. Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.