एकादशी पर गलती से खा लिया चावल तो कर लें ये काम, सारे दोष हो जाएंगे समाप्‍त

Amitesh Pandey
Mar 31, 2024

Ekadashi Vrat

हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है. साल भर में 24 एकादशी पड़ती है. यानी हर महीने दो एकादशी पड़ती है. एकादशी के दिन व्रत रखने पर भगवान विष्‍णु की कृपा बनी रहती है. एकादशी पर चावल खाने से मनाही रहती है. हालांकि, अगर आपने गलती से चावल खा लिया तो उसके बुरे परिणामों से बचने का भी उपाय है.

मान्‍यता

हिन्‍दू धर्म में कहा जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से परहेज करना चाहिए.

नकारात्‍मक प्रभाव

एकादशी के दिन चावल खाने से जीवन पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है.

गलती हो जाए तो

अगर गलती से आपने एकादशी के दिन चावल खा लिया तो कुछ उपाय हैं जिससे जीवन पर बुरे परिणाम नहीं पड़ेगा.

चावल खाने से बचें

भूलवश एकादशी के दिन चावल खाते ही प्रण लीजिए कि अगली बार परहेज करेंगे.

दोष खत्‍म

साथ ही पुरी में स्थित जगन्‍नाथ मंदिर में दर्शन करने से एकादशी के दिन चावल खाने का दोष खत्‍म हो जाता है.

जगन्‍नाथ मंदिर

ऐसे में ख्‍याल रहे कि जब भी आप जगन्‍नाथ मंदिर जाए तो एकादशी के दिन दर्शन करें. सब दोष समाप्‍त हो जाएगा.

भिक्षुक का अपमान

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, महर्षि मेधा ने एक बार यज्ञ में आए हुए एक भिक्षुक का अपमान कर दिया था.

शरीर त्‍याग

इसके चलते माता दुर्गा उनसे क्रोधित हो गई थीं. माता दुर्गा को मनाने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्‍याग कर दिया.

यह है वजह

मान्‍यता है कि जब जगह पर महर्षि मेधा ने शरीर त्‍याग किया था, उसकी स्‍थान पर महर्षि मेधा चावल और जौ के रूप में उत्‍पन्‍न हुए थे.

मनाही

यही वजह है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनाही की जाती है.

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