उत्तराखंड का वो ब्राह्मण नेता, जो यूपी के तीन शहरों से बना सांसद

Murli Manohar Joshi

लोकसभा चुनाव की तीरीखें नजदीक आ गई हैं. पहले चरण के लिए कल नामांकन का आखिरी दिन है. 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए यूपी की 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. ऐसे में उत्‍तराखंड के उस ब्राह्मण नेता की बात करेंगे जो यूपी के तीन शहरों में सांसद बने.

डॉ. मुरली मनोहर जोशी

भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने में तीन नेताओं की गिनती की जाती है. इसमें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्‍ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का नाम लिया जाता है.

बीजेपी की तिकड़ी

मुरली मनोहर जोशी के बारे में कहा जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्‍ण आडवाणी के साथ मिलकर बीजेपी की तिकड़ी बनाई.

7 बार सांसद

मुरली मनोहर जोशी के बारे में कहा जाता है कि वह यूपी ही नहीं बल्कि मध्‍य प्रदेश से 7 बार सांसद चुने गए.

उत्‍तराखंड में जन्‍म

मुरली मनोहर जोशी का जन्‍म उत्तराखंड के नैनीताल में 5 जनवरी 1934 को हुआ था. वह मूलरूप से उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र के रहने वाले हैं.

माता-पिता

मुरली मनोहर जोशी के पिता का नाम मन मोहन जोशी और माता का नाम चंद्रावती जोशी था.

शिक्षा

शुरुआती शिक्षा के बाद मुरली मनोहर जोशी उच्‍च शिक्षा के लिए इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आ गए. यहां एमएससी की पढ़ाई पूरी की.

उच्‍च शिक्षा

इसके बाद मुरली मनोहर जोशी ने डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की, वह स्पेक्ट्रोस्कोपी पर शोध भी किए.

रिकॉर्ड

मुरली मनोहर जोशी हिन्दी भाषा में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले पहले शोधार्थी बने. हालांकि वह इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में भौतिकी के प्रोफेसर रहे.

आंदोलन

बहुत कम उम्र में ही मुरली मनोहर जोशी ने गौ रक्षा आंदोलन और 1955 में यूपी के कुंभ किसान आंदोलन से जुड़ गए.

बीजेपी में अहम भूमिका

1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन में मुरली मनोहर जोशी ने अहम भूमिका निभाई. वह पार्टी के अध्‍यक्ष भी बनाए गए.

गृह मंत्रालय

पहली बार बीजेपी की सरकार बनने पर मुरली मनोहर जोशी ने गृह मंत्रालय की जिम्‍मेदारी निभाई.

कानपुर से सांसद

साल 2014 में डॉ. मुरली मनोहर जोशी यूपी के कानपुर से लोकसभा सांसद चुने गए.

इलाहाबाद से खास रिश्‍ता

वह इलाहाबाद लोकसभा सीट से लगातार तीन बार सांसद चुने गए. इसके अलावा वह मध्य प्रदेश से भी 7 बार लोकसभा के सदस्य चुने गए.

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