भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली में देर रात 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया. बड़ी संख्या में भक्तजन भगवान के दर्शन का लाभ लेने के लिए पहुचें थे. जहां इस बार नींबू और भुट्टे से कान्हा का विशेष श्रृंगार हुआ था जो बड़ा ही अद्भूत दिख रहा था . पंडित रूपम व्यास ने यहां पूजा-आरती का कार्य संपन्न किया और बताया कि पंचामृत पूजन अभिषेक के बाद 12 बजे महाआरती की गई जिसके बाद दर्शन का क्रम शुरू किया गया और इस भक्ति मय माहौल में बड़ी संख्या में भक्त आनंदित दिखाई दे रहे थे. इस आश्रम के इतिहास के बाने में जानते है और इससे जुड़े इतिहास के बारे में समझने का प्रयास करते है.