Azadi Ka Amrit Mahotsav: आजादी के 75 साल की 75 कहानियों में आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी महिला योद्धा की जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अंग्रेजों के पूरे डिपो को आग लगा दिया था. मैं बात कर रहा हूं तमिलनाडु की रानी वेलु नचियार की. रानी वेलु नचियार के बारे में कहा जाता है कि वह अंग्रेजों से लड़ने वाली पहली भारतीय रानी थीं. रानी वेलु नचियार रामनाथपुरम की एक राजकुमारी थीं. उनके बारे में कहा जाता है कि वह बचपन से ही मार्शल आर्ट, तीरंदाजी और घुड़सवारी में माहिर हो गई थीं. एक बार जब युद्ध के दौरान रानी के पति की मौत हो गई. तो वह कुछ दिन के लिए अपने इलाके से भाग गई. अंग्रेजों को लगा कि वह डर कर भाग गई हैं. लेकिन ऐसा नहीं था. उन्होंने मैसूर के हैदर अली के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाया और ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना पर लगातार कई हमले किए. इसी कम्र में एक घटना इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया. जब रानी की एक कमांडर कुयली ने अपने पूरे शरीर पर घी डालकर आर्म्स डिपो में प्रवेश किया. और खूद को आग लगा लिया. इसे इतिहास में पहला मानव बम कहा गया. इस घटना के बाद अंग्रेज काफी डर गए और अपनी सेना को पीछे कर लिया. और फिर रानी वेलु नचियार को उनका अपना देश शिवगंगा वापस मिल गया. तो यह थी कहानी उस रानी की जिसे इतिहास में अंग्रेजों से लड़ने वाली पहली भारतीय रानी का दर्जा मिला. और उन्होंने ने ही पहली बार अंग्रेजों के खिलाफ मानव बम का इस्तेमाल किया.