Azadi Ka Amrit Mahotsav: यह बात है साल 1917 की जब गांधी जी साउथ अफ्ऱीक़ी से लौटे थे. उनके लौटने के बाद स्वतंत्रता सेनानी शेख़ गुलाब, शीतल राय और राजकुमार शुक्ल ने उन्हें बिहार आने का आमंत्रण दिया था. तभी गांधी जी मौलाना मज़हरुल हक़, डॉ राजेन्द्र प्रसाद और अन्य लोगों के साथ बिहार के मोतिहारी पहुंचे थे. गांधी जी बिहार नील की खेती करने वाले किसानों की दुर्दशा का जायज़ा लेने आए था, जिसके लिए वे मोतिहारी जिला के चंपारण गांव पहुंचे थे. नील फैक्ट्रियों के मैनेजरों के नेता इरविन ने उन्हें बातचीत और रात के खाने पर आमंत्रित किया. जहां इस गुमनाम देशभक्त ने गांधी जी की जान बचाई थी. यह देशभक्त कोई और नहीं इरविन के यहां काम करने वाले बतख़ मियां अंसारी थे. जो कि बिहार के चम्पारण के रहने वाले थे. पूरी कहानी जानने के लिए देखें वीडियो