Deoria news: कागजों में पिता को मृत दिखाकर किया करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा, अब पिता को सता रहा मौत का खौफ
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Deoria news: कागजों में पिता को मृत दिखाकर किया करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा, अब पिता को सता रहा मौत का खौफ

Deoria news: देवरिया में बेटों ने सरकारी कर्मचारियों से मिलीभगत करके अपने पिता को दस्तावेजों में मृत दिखाकर करोड़ों की संपत्ति अपने नाम कर ली. हरिश्चंद्र यादव का कहना है कि उनके बेटे कभी भी उनकी हत्या करा सकते है. 

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Deoria news: देवरिया जनपद में संपत्ति के लालच को लेकर पिता-पुत्र के रिश्ते को कलंकित कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां बेटों ने सरकारी कर्मचारियों से मिलीभगत करके अपने पिता को दस्तावेजों में मृत दिखाकर करोड़ों की संपत्ति अपने नाम कर ली. पीड़ित जब इसकी शिकायत SDM के पास लेकर पहुंचा तो कोई सुनवाई नही हुई बाद में DM के जनता दर्शन में इसकी शिकायत की गयी. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए ADM ने बताया कि रुद्रपुर SDM को इससे अगवत कराया गया है. इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

आपको बता दें कि हरिश्चंद यादव देवरिया जनपद के रुद्रपुर तहसील के ग्राम अहलादपुर के रहने वाले है. इनके तीन बेटे विजय यादव,मनोज यादव और अमित यादव है जिसमें अमित की पहले ही मौत हो चुकी है. इन्होंने कई बिगहा जमीन अपनी पत्नी पानमती के नाम से खरीदी थी और एक इंटर कालेज भी बनाया जिसमे वे खुद प्रबंधक थे. बाद में बेटे को प्रबन्धक बना दिया .

जून 2023 में इनकी पत्नी पानमती का देहांत हो गया .
इसके बाद इनके दोनों बेटों मनोज यादव व विजय यादव ने षड्यंत्र रचा. दोनों ने राजस्व विभाग से मिलकर कूटरचित तरीके से अभिलेखों में हेरा फेरी करके सारी जमीन को खुद के नाम से खतौनी में वरासत दर्ज करा लिया. यही नही खतौनी में इनका नाम काटकर खारिज दाखिल कर दिया गया. जिसमें स्वर्गीय हरिश्चंद्र यादव नाम दर्ज हो गया है. और सारी सम्पत्ति इनके बेटों के नाम से दर्ज हो गयी है. जब इस षड्यंत्र के बारे में इनको पता चला तो इनके पैरों तले जमीन खिसक गयी.

ह​रिश्चंद्र यादव को हत्या का डर
हरिश्चंद्र यादव का कहना है कि उनके बेटे कभी भी उनकी हत्या करा सकते है. इनका एक इंटर कालेज है जिसमे इन्होंने बेटे को प्रबन्धक बना दिया था. अब वहां जाने पर उन्हें पुलिस के हवाले करने की धमकी दे रहे है. इनके द्वारा बताया गया की जब वह रुद्रपुर तहसील में SDM से मिले तो उनकी शिकायत को गम्भीरता से न लेते हुए वापस लौटा दिया गया. जिसके बाद वह जनता दर्शन में शिकायत लेकर आये है. कानूनी तौर पर पत्नी की मृत्यु के बाद समान रुप से पति व संतान के नाम से वरासत दर्ज होना चहिए जबकि हरिश्चंद्र यादव के मामले में इनको मृत दिखाकर बेटों ने अपने नाम सम्पत्ति को वरासत करा लिया है. अब इन्हें डर है कि पैतृक संपत्ति को भी इनके बेटे न हड़प लेंगे.

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