Uttarakhand: 'देवभूमि' के हर जिले में बनेगा 'देवभाषा' का गांव, जानिए पूरा मामला
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Uttarakhand: 'देवभूमि' के हर जिले में बनेगा 'देवभाषा' का गांव, जानिए पूरा मामला

 World Sanskrit Day 2022: सोमवार को राजभवन प्रेक्षागृह में 'संस्कृत सप्ताह महोत्सव' का शुभारंभ हुआ. शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत गांव बनाए जाएंगे...

Uttarakhand: 'देवभूमि' के हर जिले में बनेगा 'देवभाषा' का गांव, जानिए पूरा मामला

राम अनुज/देहरादून: राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सोमवार को राजभवन प्रेक्षागृह में आयोजित 'संस्कृत सप्ताह महोत्सव' का शुभारंभ किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत सप्ताह मनाये जाने का निर्णय संस्कृत भाषा के विकास व प्रसार के लिए महत्वपूर्ण कदम है. संस्कृत भाषा भारत की सभ्यता, संस्कृति और ज्ञान की परिचायक है. राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत भाषा हमें अपनी जड़ों से जोड़ती है और इसमें ज्ञान का बड़ा भण्डार है. वहीं, शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत गांव बनाए जाएंगे.

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प्रत्येक जनपद में बनाए जाएंगे एक-एक संस्कृत गांव
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने संस्कृत सप्ताह महोत्सव के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु 08 से 14 अगस्त तक संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है. प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत गांव बनाए जाएंगे. इसी के साथ ही 5 लाख छात्र-छात्राओं, जो संस्कृत सीखना व बोलना चाहते हैं, उन्हें संस्कृत का व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा.

राज्यपाल ने कहा ये है जिम्मेदारी
राज्यपाल ने कहा, "देवभूमि उत्तराखण्ड की यह जिम्मेदारी है कि संस्कृत भाषा को विश्व एवं राष्ट्र की भाषा बनाने में अपना पूर्ण योगदान दें. उन्होंने कहा कि संस्कृत दुनिया की प्राचीनतम भाषाओं में एक है. यह हमारे ज्ञान एवं विज्ञान की भाषा होने के साथ-साथ देश को एक सूत्र में बांधती है. संस्कृत के बिना अपनी संस्कृति और सभ्यता को समझना बेहद कठिन है. उन्होंने कहा कि संस्कृत को सोशल मीडिया, मॉस मीडिया से जोड़ा जाए और इसे और अधिक सुगम बनाये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए. उन्होंने आह्वान किया कि हमें दैनिक बोलचाल की भाषा में संस्कृत का प्रयोग करना चाहिए."

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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा 
राज्यपाल ने कहा, "संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने, विकास और संरक्षण के लिए हमें अपने बच्चों को ज्ञान और विज्ञान के साथ, संस्कृत को जोड़ते हुए उन्हें कौशल संपन्न बनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा वह सेतु है, जो प्राचीन को नवीन से जोड़ती है. वहीं कार्यक्रम में उपस्थित विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंण्डूडी भूषण ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार व इसको बढ़ावा देने पर कार्य किया जाना आवश्यक है. संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संस्कृत को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जायेगा."

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