Nainital News: उत्तराखंड के नैनीताल से ताल्लुक रखने वाले जवान संजय बिष्ट भी जम्मू-कश्मीर के राजौरी मुठभेड़ में शहीद हुए हैं. आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता ने भी शहादत पाई है.
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Shaheed Sanjay Bisht Nainital: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बुधवार शाम को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में नैनीताल के संजय बिष्ट भी शहीद हो गए. उनके अलावा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के कैप्टन शुभम गुप्ता और अलीगढ़ का सचिन शामिल है. संजय बिष्ट, शुभम गुप्ता और अलीगढ़ के सचिन के साथ पांच शहीदों को
संजय बिष्ट 19 कुमाऊं 9 पैरा में तैनात थे. जम्मू-कश्मीर में बुधवार शाम से राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वो घायल हुए थे. बिष्ट रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे. संजय बिष्ट (Martyr Sanjay Bisht Nainital) जिले के रातीघाट के हली गांव के निवासी थी. उनके आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद होने की खबर से पूरे गांव में मातम का माहौल है. संजय बिष्ट जम्मू कश्मीर के राजौरी में तैनात थे. गुरुवार सुबह आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उनके शहीद होने की सूचना मिली.उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नैनीताल एमएलए सरिता आर्या, डीएम नैनीताल वंदना सिंह ने भी उनकी शहादत पर शोक जताया है.
संजय बिष्ट के घर मातम
बिष्ट की शहादत की खबर सुनते ही उनके परिवार में मातम पसर गया. संजय के रिश्तेदार और आसपास के ग्रामीण उनके घर पहुंचे. संजय के भाई नीरज बिष्ट का कहना है कि संजय 2012 में सेना में भर्ती हुआ था. बुधवार रात ही परिवार से संजय की फोन पर बात हुई थी. संजय 15 दिन पहले ही घर से वापसी कर सेना की पोस्ट पर लौटा था. संजय के परिवार में पिता दीवान सिंह, मां मंजू, बहन ममता और विनीत शामिल हैं. संजय बिष्ट अविवाहित थे. संजय की जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे और बाद में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
अलीगढ़ के सचिन की 15 दिन बाद थी शादी
राजौरी जिले में हुई मुठभेड़ में अलीगढ़ का जवान सचिन भी शहीद हो गया. सचिन की 8 दिसंबर को शादी होनी थी. परिवार में बड़े भाई के अलावा माता-पिता हैं. परिवार के साथ पूरे गांव में शोक की लहर है. उनके पिता खेती किसानी कर परिवार चलाते हैं. अलीगढ़ के टप्पल थाना इलाके के गोलोरा गांव में जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पहुंचने की संभावना है.
आगरा के शुभम गुप्ता भी शहीद
आगरा के ताजगंज के कैप्टन शुभम गुप्ता भी मुठभेड़ में शहीद हो गए.शुभम के घर वाले उनकी शादी की तैयारियों में जुटे थे. शुभम ने परिवार से आखिरी बार दिवाली पर वीडियो कॉल से बात की थी. साथ ही अगली छुट्टियों पर घर आने का भरोसा दिया था.ताजगंज बसई चौकी के प्रतीक एनक्लेव निवासी जिला शासकीय अधिवक्ता बसंत गुप्ता के दो बेटों में 26 साल के शुभम गुप्ता बड़े थे. शुभम की स्कूली शिक्षा सेंट जॉर्ज कॉलेज से हुई थी. 12वीं के बाद वो एनडीए के जरिये सेना भर्ती की परीक्षा में पास हुए. साल 2017 में बतौर लेफ्टिनेंट पासआउट होने के बाद शुभम की तैनाती जम्मू में हुई.शुभम को सेना की वर्दी पहनने का बचपन से ही जुनून था.
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