UP News: जैसा की आपको पता है कि इस वक्त सावन का पावन पर्व चल रहा है. इसी बीच हम आपको बताने वाले है उत्तर प्रदेश के 5 सबसे बड़े मंदिर. जहां जाकर पूजा अर्चना करने से आपकी हर मनोकामनाएं होगी पूरी.
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Shiv Mandir: इस वक्त सावन का पावन पर्व चल रहा है. शिव भक्त भगवान शिव के दर्शन व पूजा अर्चना के लिए कई किलोमीटर दूर तक देश में स्थित शिव मंदिरों तक पैदल पहुंच रहे हैं. इसी बीच आज उत्तर प्रदेश के प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में हम आपको बताने वाले हैं. जहां जाकर आपकी हर मनोकामना पूरी होने वाली है.
काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी)
काशी विश्वनाथ मंदिर केवल यूपी ही नहीं बल्कि भारत देश के प्रमुख मंदिरों में से एक है. काशी विश्वनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग है. यहां लोग दूर दूर से गंगा नदी से पानी भरकर भागवान विश्वनाथ पर चढ़ाते है. कशी विश्वनाथ कॉरीडोर बनने से भी शिव भक्त बड़ी संख्या में लगातार मंदिर पहुंच रहे है.
नागेश्वर नाथ मंदिर (अयोध्या)
पुराणों में जिक्र है कि नागेश्वर नाथ मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था. जिस समय कुश सरयू नदी में नहा रहे थे उस वक्त उनका बाजूबंद नदी में ही खो गया था. वह बाजूबंद नाग कन्या को मिला जिससे कुश को प्रेम हो गया. बताया जाता है कि नाग कन्या शिव भक्त थी, जिस वजह से कुश ने शिव मंदिर बनवाया था. इस कारण नागेश्वर नाथ मंदिर का हिंदू धर्म में खास मान्यता है.
गोपेश्वर महादेव मंदिर (मथुरा)
वृन्दावन में मौजूद गोपेश्वर महादेव मंदिर उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है जो शिव से जुड़े है. कहा जाता है पवित्र यमुना नदी के निकट ये शिव मंदिर को भगवान कृष्ण के प्रपौत्र व्रजनाभ ने स्थापित किया है. जिसके कारण हजारों की संख्या में शिव भक्त वृन्दावन भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचते है.
पृथ्वीनाथ शिवधाम (गोंडा)
आपको बात दे कि ये सात खंडों का शिवलिंग है जो 15 फुट ऊपर दिखता है और 64 फीट जमीन के नीचे है. बताया जाता है कि यहां स्थापित शिवलिंग दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग है. जिसे पांडवों के आज्ञातवास के दौरान भीम ने स्थापित किया था. कहा जाता है पृथ्वीनाथ शिवधाम के दर्शन मात्र से ही सारे पाप उतर जाते है.
मनकामेश्वर मंदिर इलाहाबाद (प्रयागराज)
प्रयागराज में स्थित मनकामेश्वर मंदिर एक ऐसा शिव मंदिर है जहां श्रावण मास के समय लाखों शिव भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं. पुराणों में जिक्र है कि भगवान श्री राम ने मां सीता के कहने पर शिव मंदिर की स्थापना यमुना घाट के निकट की थी. माता सीता की मनोकामना पूरी करने के लिए शिवलिंग के स्थापना की गई थी, इसीलिए वजह से मंदिर का नाम मनकामेश्वर मंदिर पड़ गया. यहां मांगी गई मनोकामना पूरी होती है.
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