आलू, टमाटर-प्याज छोड़ो, 20 हजार रुपये लीटर में बिकने वाला ये तेल किसानों को कर रहा मालामाल
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आलू, टमाटर-प्याज छोड़ो, 20 हजार रुपये लीटर में बिकने वाला ये तेल किसानों को कर रहा मालामाल

Vetiver farming : कई बार इन किसानों को भी मौसम की मार झेलनी पड़ जाती है. जरूरी हो गया है कि पारंपरिक खेती के साथ कुछ नया किया जाए, ऐसी खेती जो कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सके. 

आलू, टमाटर-प्याज छोड़ो, 20 हजार रुपये लीटर में बिकने वाला ये तेल किसानों को कर रहा मालामाल

Vetiver farming : आज का किसान गेहूं और चावल जैसी फसलों की पारंपरिक खेती से मुंह मोड़ रहा है. वजह किसानों को प्रकृति की मार का सामना करना है. कई बार अच्‍छी फसल होने के बाद भी किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है. वहीं, कुछ किसान इन फसलों को भी छोड़ आलू, प्‍याज और टमाटर की खेती कर अपनी आमदनी बढ़ाने में जुटे हैं. कई बार इन किसानों को भी मौसम की मार झेलनी पड़ जाती है. जरूरी हो गया है कि पारंपरिक खेती के साथ कुछ नया किया जाए, ऐसी खेती जो कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सके. अच्‍छा मुनाफा कमाने के उद्देश्‍य से आजकल पढ़े-लिखे युवा भी औषधीय पौधों के साथ फलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी मुनाफे की खेती करना चाहते हैं तो खस की खेती (Poppy Cultivation) आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो साबित हो सकती है. 

पहले समझें क्‍या है खस की खेती 
खस यानी पतौरे जैसी दिखने वाली वो झाड़ीनुमा फसल, जिसकी जड़ों से निकलने वाला तेल लाखों में महंगा बिकता है. अंग्रेजी में इसे वेटिवर कहते हैं. खस एक ऐसी फसल है जिसका प्रत्येक भाग आर्थिक रूप से उपयोगी होता है. खस के तेल का उपयोग महंगे इत्र, सुगंधीय पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधनों तथा दवाइयों में होता है. 

हर तरह की जमीन पर कर सकते हैं खेती 
यूपी समेत कई राज्‍यों में आज किसान खस की खेती कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि कई बार बाढ़ और तो कई बार आवारा पशुओं की वजह से फसल बर्बाद हो जाती थी. वहीं, खस की खेती उन इलाकों में भी हो सकती है जहां पानी की किल्लत है और उन स्थानों में भी जहां वर्षा के दिनों में कुछ समय के लिए पानी इकठ्ठा हो जाता है. यानी खस की खेती हर तरह की जमीन, मिट्टी और जलवायु में हो सकती है. 

इस महीने में करें बोआई 
इसकी बोआई नवंबर से फरवरी महीने तक की जा सकती है. वैसे तो इसकी खेती के लिए कोई विशेष तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होती. लेकिन यदि खेत में काफी झाड़ियां या घास है तो उनकी सफाई करनी जरूरी है. खेत को साफ करने के बाद अच्छी फसल के लिए 2 तीन बार जुताई भी कर देनी चाहिए. आखिरी बार जुताई करने से पहले खेत में 5 टन गोबर से बनी खाद के साथ प्रति एकड़ से हिसाब से 16-16 किलोग्राम नाइट्रोजन, पोटाश और फास्फोरस डाल देना चाहिए.

इतनी आएगी लागत 
खस की खेती के लिए प्रति एकड़ 60 से 65 हजार की लागत आती है. एक एकड़ खेत से लगभग 10 लीटर तेल निकाला जा सकता है. यानी केवल एक एकड़ खेत से ही आप लाखों रुपये कमा सकते हैं. दुनिया में शुद्ध और प्राकृतिक चीजों की मांग तेजी से बढ़ी है. इसके कारण खस भी हमेशा ही मांग में रहती है. इसके जरिए आप भी लाखों कमा सकते हैं.

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