Gyanvapi Case : ज्ञानवापी में 'शिवलिंग' पूजा की याचिका सुनेगा वाराणसी कोर्ट, हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत पर अयोध्‍या में उत्‍साह का माहौल
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Gyanvapi Case : ज्ञानवापी में 'शिवलिंग' पूजा की याचिका सुनेगा वाराणसी कोर्ट, हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत पर अयोध्‍या में उत्‍साह का माहौल

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग पर गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.  

Gyanvapi Case : ज्ञानवापी में 'शिवलिंग' पूजा की याचिका सुनेगा वाराणसी कोर्ट, हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत पर अयोध्‍या में उत्‍साह का माहौल

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है. वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने माना कि ज्ञानवापी में 'शिवलिंग' पूजा की याचिका सुनने योग्‍य है. कोर्ट ने इस मामले को पोषणीय माना है. 

मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका 
दरअसल, ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग पर गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि ज्ञानवापी मामले में हिन्‍दू पक्ष की याचिका पर सुनवाई न हो, लेकिन वाराणसी कोर्ट ने स्‍पष्‍ट कर दिया गया कि मामला याचिका सुनवाई योग्‍य है. इसी वजह से मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया गया. मुस्लिम पक्ष इसे बड़ा झटका मान रहे हैं. बता दें कि याचिका में शिवलिंग की पूजा करने की मांग की थी.

14 नवंबर को ही कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था अपना फैसला 
इससे पहले 14 नवंबर को इस मामले में सुनवाई हुई थी. उसी दौरान सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार पांडेय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया था कि जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामला नियमित पूजा को लेकर था. वहीं, इस केस में ज्ञानवापी मस्जिद के टाइटल को लेकर वाद दायर किया गया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि कोर्ट यह मुकदमा खारिज कर देगा.

2 दिसंबर को पूजा के अधिकार को लेकर होगी सुनवाई 

कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को करने का फैसला किया है. इस दिन पूजा के अधिकार को लेकर सुनवाई होगी. वाराणसी कोर्ट के फैसले को लेकर हिन्‍दू पक्ष काफी उत्‍साहित नजर आ रहा है. हिन्‍दू पक्ष के लोगों का कहना है कि यह ऐतिहासिक फैसला है. दुनिया भर में अच्‍छा मैसेज जाएगा. हिन्‍दू समाज बधाई के पात्र है. वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील का कहना है कि अभी कोर्ट के फैसले का अवलोकन नहीं किया है. कोर्ट का फैसला पढ़ने के बाद आगे का रुख करेंगे. साथ यह भी अवलोकन किया जाएगा कि किन बिंदुओं पर कोर्ट ने हमारी याचिका खारिज की है. 

अयोध्‍या में उत्‍साह का माहौल 
ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर अयोध्‍या में उत्‍साह का माहौल है. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने जो निर्णय दिया है वह बहुत ही अच्छा है आज का निर्णय हिन्‍दू पक्ष के लिए आगे चलकर भी निर्णायक होगा. वहां पर पूजा अर्चना करने का अधिकार मिलेगा. कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उसके लिए हम धन्यवाद देते हैं. सबूत के आधार पर जो निर्णय होते हैं वह ठोस निर्णय होते हैं और सार्थक होते हैं. वहीं, महंत हनुमानगढ़ी महेंद्र दास का कहना है कि वाराणसी कोर्ट में आज जो निर्णय लिया गया है, वह स्वागत करने योग्य है. हम ज्ञानवापी की लड़ाई संवैधानिक तरीके से लड़ेंगे. संविधान और न्याय प्रक्रिया में पूरा विश्वास है.  

 

 

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