Lucknow: उत्तर प्रदेश खेल नीति-2022 को दिया गया अंतिम रूप, जानिए क्या है खास?
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Lucknow: उत्तर प्रदेश खेल नीति-2022 को दिया गया अंतिम रूप, जानिए क्या है खास?

Sports News: उत्तर प्रदेश खेल नीति-2022 को अंतिम रूप दिया गया. आइए बताते हैं इस दौरान खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री ने क्या कहा...

Lucknow: उत्तर प्रदेश खेल नीति-2022 को दिया गया अंतिम रूप, जानिए क्या है खास?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चन्द्र यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस बैठक में खेल संघों से प्राप्त महत्पूर्ण सुझावों को शामिल करते हुए उत्तर प्रदेश खेल नीति-2022 को अंतिम रूप दे दिया गया. जानकारी के मुकाबिक शीघ्र ही यह नीति कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. आइए बताते हैं इस दौरान मंत्री ने क्या कहा.

मंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने कहा
इस दौरान मंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने कहा, ''नई खेल नीति के लागू होने पर ओलंपिक गेम्स में उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को अधिक से अधिक पदक जीतने की संभावनाएं बढ़ेंगी. सुदूर ग्रामीण अंचलों से खेल प्रतिभाओं को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षण के साथ ही खेल संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को उत्कृष्ट श्रेणी का प्रशिक्षण दिलाने में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा. स्थानीय स्तर पर बहुत सारे प्रतिभावन खिलाड़ी है, उनको प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जायेगा. खेल गतिविधियों से संबंधित खेल कैण्डर तैयार कराया जाएगा. अन्य राज्यों की तरह यहां भी स्पोर्ट अथारिटी की गठन होगा. इसके साथ ही प्रदेश में खिलाड़ियों के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान भी खोला जाएगा.''

अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने दी जानकारी
आपको बता दें कि गोमतीनगर स्थित बीबीडी बैडमिंटन अकादमी के सभागार में आयोजित बैठक में उत्तर प्रदेश के सभी खेल संघों के पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने प्रस्तावित खेल नीति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई खेल नीति तैयार कराई गई है. इस नीति के तहत हर गांव में खेल का मैदान स्थापित कराया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र को मिलाकर वर्तमान में लगभग 30 हजार खेल के मैदान उत्तर प्रदेश में है. इनको बढ़ाकर 60 हजार तक ले जाने का लक्ष्य होगा. इसके साथ प्रस्तावित नीति में कई नए प्राविधान भी किये गये है. इसके तहत प्राइवेट स्पोर्ट्स एकेडमी को भी वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. स्पोर्टस कालेजों में बच्चों का चयन समिति के माध्यम से कराये जाने का प्राविधान नीति में किया गया है.''

100 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ उत्तर प्रदेश खेल विकास कोष बनाया जाएगा
अपर मुख्य सचिव ने बताया नई नीति के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ उत्तर प्रदेश खेल विकास कोष बनाया जायेगा. धन का उपयोग मुख्य रूप से खेल उपकरण समर्थन, विदेशी प्रदर्शन यात्राएं, विदेशी प्रशिक्षण शिविर, फिजियोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक और विदेशी कोचो की नियुक्ति के लिए किया जायेगा. इसके साथ ही पीपीपी माडल पर खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर खेल संघों को खेल गतिविधियां बढ़ाने के लिए दिये जायेंगे. प्रत्येक जनपद में जिला खेल केंद्र बनाये जाएंगे. 

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राज्य व देश का प्रतिनिधित्व करने वाले आवासीय खिलाड़ियों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण के लिए अगले पांच वर्षों में कम से कम 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी. इसके अतिरिक्त प्रदेश में पांच स्थाई परफारमेंश सेंटर भी स्थापित कराए जाएंगे. हर मण्डल मुख्यालय पर फीजियो, ट्रेनर एवं डायटीशियन की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी. हर जिलें में खेल प्रतिभाओं की खोज हेतु टैलेंट सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा.

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