उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक साहसिक फैसला लेते हुए बिजली उपभोक्ताओं के लिए अब मुआवजा देने का नियम लागू कर दिया है. यदि राज्य के नागरिकों द्वारा की गई किसी भी बिजली शिकायत का तय समय पर निराकरण नहीं होता है तो उन्हें बिजली विभाग मुआवजा देगा. आइए जानते हैं क्या है नया नियम
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लखनऊ: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात दी है. राज्य में बिजली उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा कानून लागू किया जा रहा है. बिजली से जुड़ी किसी भी समस्या समाधान में देरी होने पर होने पर अब मुआवजे का प्रावधान होगा. पावर कॉरपोरेशन ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है. यानी यदि आपके इलाके का ट्रांसफार्मर खराब हो गया है और इसकी शिकायत बिजली विभाग में की है तो निर्धारित 6 से 48 घंटे के बीच ट्रांसफॉर्मर सही हो जाएगा. यदि तय समय के भीतर वह ठीक नहीं किया गया तो बिजली विभाग मुआवजा देगा. इसी तरह गलत बिलिंग की शिकायत तय 7 दिन के अंदर सही नहीं होती है, तो 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा. नये नियमों के मुताबिक इस तरह की डेढ़ दर्जन उपभोक्ता समस्याओं का समय से निस्तारण न होने पर बिजली विभाग उपभोक्ताओं को मुआवजा देगा. इसके लिए उपभोक्ताओं को 1912 पर शिकायत करनी होगी. बकाएदार उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. पावर कॉरपोरेशन तीन साल से इस व्यवस्था को लागू नहीं कर रहा था. पावर कॉरपोरेशन ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ताओं को मुआवजे के लिए बनाए गए कानून के तहत मुआवजा देने की ऑनलाइन प्रक्रिया सोमवार को तय कर दिया है. इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. उपभोक्ताओं को इसके लिए पावर कॉरपोरेशन के कस्टमर केयर नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज करानी होगी.
ऐसे मिलेगा लोगों को मुआवजा
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक मुआवजे का लाभ लेने के लिए कंज्यूमर को किसी भी समस्या के निस्तारण के लिए 1912 पर शिकायत दर्ज करवानी होगी. जब तय समय पर उनकी समस्या हल नहीं होगी, तो उनको फिर 1912 पर ही मुआवजे के लिए शिकायत करनी होगी. इसके बाद शिकायतकर्ता को मुआवजा का अलग कंप्लेंट नंबर मिलेगा और फिर उनका मुआवजा प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू हो जाएगी. मुआवजे की राशि के बराबर का पैसा कंज्यूमर के बिल से कट जाएगा. ध्यान रहे, बकायेदार कंज्यूमर को मुआवजे का लाभ नहीं मिलेगा.
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अधिकतम 60 दिन में मिलेगा मुआवजा
बिजली उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा दिया जाएगा. आयोग की ओर से जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 फीसदी से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जाएगा. इसे आप कुछ इस तरह समझ सकते हैं. जैसे 1 किलोवॉट का उपभोक्ता यदि महीने में 100 रुपए प्रति किलोवॉट फिक्स चार्ज देता है तो उसका वर्ष भर का फिक्स चार्ज 1200 रुपए हुआ. ऐसे में उसे अधिकतम एक फाइनेंशियल ईयर में 360 रुपए का मुआवजा ही मिलेगा.
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