यूपी रेरा (UP Rera) के नियम के मुताबिक, बिल्डर मकान, दुकान व फ्लैट खरीदने वालों से अनुबंध के समय एडवांस के तौर पर ज्यादा रकम नहीं ले सकेंगे.
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UP Rera : उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP Rera) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. अब फ्लैट के नाम पर बिल्डर धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे. रेरा के नए नियम के मुताबिक, बिल्डर मकान, दुकान व फ्लैट खरीदने वालों से अनुबंध के समय संपत्ति की कीमत से 10 फीसदी रकम ही एडवांस ले सकेंगे. इससे अधिक संपत्ति की राशि मांगने पर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. रेरा का यह नियम सभी के लिए लागू होगा.
एडवांस में नहीं ले सकेंगे ज्यादा रकम
दरअसल, दुकान, मकान व फ्लैट खरीदने के समय बिल्डर एडवांस में रुपये ले लेते थे. इस संबंध में रेरा को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी. इस पर रेरा ने अनुबंध संबंधी नियम को लेकर सोमवार को एक ट्वीट किया. इसमें बिल्डरों को चेताया गया कि अनुबंध के समय वह संपत्ति की कीमत से 10 फीसदी रकम ही एडवांस ले सकेंगे. रेरा के मुताबिक, ये नियम उन्हीं खरीदारों पर प्रभावी होंगे, जो संपत्ति लेने से पहले बिल्डर से अनुबंध करेंगे. इसके बाद बिल्डर उनसे धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा.
...ताकि बिल्डर पर आसानी से हो सके कार्रवाई
यूपी रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि भविष्य में किसी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को रेरा के नियम के मुताबिक ही खरीदारी करनी चाहिए. खरीदारी से संबंधित प्रपत्र रेरा की आधिकारिक वेबसाइट up-rera.in पर अपलोड है. खरीदार संपत्ति खरीद का अनुबंध इसके आधार पर ही करें. ऐसे बिल्डर को आसानी से रेरा और अदालत तक ले जाया जा सकता है.
बिल्डर के बहकावे में न आएं खरीदार
रेरा ने खरीदारों को यह भी कहा है कि वे कारपेट एरिया के आधार पर ही बिल्डर से अनुबंध करें. बिल्डर चाहे जितना दिलासा दिखाए, लेकिन सुपर एरिया के आधार पर ही रुपये दें. इसमें बिल्डिंग की वह जमीन भी शामिल होती है जिसका इस्तेमाल कॉमन एरिया के तौर पर होता है. जैसे गलियारा, सीढ़ी, क्लब हाउस, लॉन, कम्यूनिटी सेंटर आदि. कारपेट एरिया वह क्षेत्र होता है, जिसमें खरीदार रहता है.
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नोएडा और गाजियाबाद में सबसे ज्यादा लंबित मामले
रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बिल्डर मकान व फ्लैट बेचने के दौरान खरीदार को झांसे में लेकर धोखाधड़ी कर लेता है. यह वजह है कि रेरा के पास 50 हजार से ज्यादा लंबित मामले हैं. इनमें पहले स्थान पर नोएडा, दूसरे स्थान पर गाजियाबाद और तीसरे स्थान पर लखनऊ है. लखनऊ में बिल्डर मनमानी कर एडवांस के तौर पर 50 से 60 फीसदी रकम पहले ले लेते हैं. अब नियमों की अवहेलना करने पर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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