Ghaziabad: अफ्रीका के किलिमंजारो पहाड़े के बारे में आपने किताब में पढ़ा होगा. तस्वीरों और फिल्मों में आपने इस पहाड़ की ऊंची चोटियों को देखा होगा. यूपी पुलिस के एक सिपाही किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) पहाड़ पर पहुंचकर कुछ ऐसा काम कर दिखाया है कि जिसने भी सुना भारत मां के इस लाल पर गौरवान्वित हो रहा है.
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पीयूष गौड़/गाजियाबाद: यदि दिल में कुछ करने की हसरत हो तो इंसान बड़े से बड़े लक्ष्य हासिल कर लेता है. यदि कुछ करने का जज्बा देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाए तो फिर कहना ही क्या. जी हां, गाजियाबाद के हिमांशु ने कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिये ऐसी कामयाबी हासिल की है, जिस पर पूरे उत्तरप्रदेश ही नहीं देश को गर्व है. देश जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, उसी वक्त गाजियाबाद के हिमांशु ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पहाड़ किलिमंजारो भारतीय ध्वज फहरा कर देश का नाम रोशन कर दिया.
मेरठ में पदस्थ हैं हिमांशु
हिमांशु मेरठ में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं. हिमांशु का काफी समय से सपना था कि वह अफ्रीका जाकर वहां की किलिमंजारो पर भारतीय ध्वज लहराएं. इसके लिए हिमांशु ने काफी मेहनत की और उनकी मेहनत रंग भी लाई. 9 अगस्त को वह भारत से अफ्रीका के लिए निकल पड़े. वहां पहुंचकर 11 अगस्त से उन्होंने किलिमंजारो पर तिरंगा फहराने के अभियान की शुरुआत की.
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किलिमंजारो की चोटी पर ऊंचाई 5,895 मीटर है. यह अफ्रीका ही नहीं दुनिया के सबसे ऊंचा पहाड़ों में एक है. किलिमंजारो को दुनिया में सबसे लंबा मुक्त खड़ा पहाड़ बताया जाता है. हिमांशु को इसके शिखर पर पहुंचने में उन्हें 4 दिन का वक्त लगा. इस कामयाबी के साथ ही वह उत्तर प्रदेश पुलिस के पहले सिपाही बन गए हैं जिन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप के किलिमंजारो पर तिरंगा ध्वज फहरा दिया हो.
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हर घर तिरंगा अभियान से ली प्रेरणा
हिमांशु का कहना है कि उनकी इस कामयाबी के पीछे सबसे अहम प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के विजन पर शुरू हर घर तिरंगा अभियान की रही. उन्हें लगा कि जब हर व्यक्ति अपने घर में तिरंगा फहरा रहा है तो क्यों न वह अपने बचपन की ख्वाहिश को अमृत महोत्सव के मौके पर पूरी करें. हिमांशु के मुताबिक उनके साथ महाराष्ट्र के दो अन्य साथी निखिल और अजय भी थे. अपने बेटे की इस कामयाबी से घर वाले काफी खुश हैं. उन्होंने हिमांशु के भारत लौटने पर जोरदार स्वागत किया.