UP Politics: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में शामिल होने के बाद राजभर समुदाय को बड़ा राजनीतिक फायदा मिलने के संकेत हैं.
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मयूर शुक्ला/लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एनडीए गटबंधन में शामिल होने के बाद राजभर समाज को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है. राजभर जाति अब अनुसूचित जनजाति यानी ST कैटेगरी में शामिल होगी.
ओम प्रकाश राजभर के बीजेपी गठबंधन में शामिल होने के बाद यूपी में राजभर बिरादरी को एसटी का दर्जा दिलाने की कवायद तेज हो गई है. राजभर बिरादरी ने ऑफिस रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (ORGI) में फिर आवेदन किया है. यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भी इसके लिए जरूरी मानकों को पूरा करने में जुटी है. राज्य सरकार ने 17 जिलों में सर्वे कराया है.
राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सर्वे लगभग हो चुका है. अब रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी. लोकसभा चुनाव से पहले यह होने की पूरी संभावना है.
अखिलेश यादव के 2000 के नोट चले गए वाले बयान पर राजभर ने कहा कि अखिलेश धीरे-धीरे अपना जनाधार खोते जा रहे हैं वह बौखला गए तभी ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
मायावती पर राजभर ने कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अब वह अकेले चुनाव लड़ेंगी ऐसे में अब उनका मान मनौव्वल करने का कोई फायदा नहीं है पहले मैंने प्रयास किया असफल साबित हुआ अब नहीं करूंगा.
वहीं ओमप्रकाश राजभर ने अपनी सुरक्षा में चूक पर कहा कि अब भाजपा के नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों के नेता उभर के आ रहे हैं तो यह बात सपा-बसपा को रास नहीं आ रही परसों शाम को कुछ असलहा धारी हमारे कार्यालय में घुस गए. इसकी शिकायत बीजेपी मुख्यालय में की गई है तो अब बड़ी संख्या में पुलिस बल सुरक्षा के तौर पर लगाया गया यह किसी की शरारत है.
जानकारी के मुताबिक, किसी भी जाति को एसटी कैटेगरी में शामिल करने के लिए पांच मानकों पर उतरना होता है, तभी एसटी का दर्जा मिलता है. डेटा विश्लेषण कर सरकार रिपोर्ट तैयार कर रही है और ये पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. ओमप्रकाश राजभर के एनडीए में शामिल होने के बाद उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी हुई थी. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में भी इस मांग को लेकर चर्चा हुई थी.
ओम प्रकाश राजभर की पार्टी पहले भी एनडीए में शामिल रही है, लेकिन कुछ राजनीतिक मतभेदों के कारण सुभासपा ने दूरी बना ली. 2022 विधानसभा चुनाव में राजभर की पार्टी अलग चुनाव लड़ी, लेकिन उसका हश्र बहुत बुरा रहा. माना जा रहा है कि राजभर की पार्टी के एनडीए से जुड़ने से दोनों को बड़ा फायदा मिलेगा. पूर्वांचल में 18 लोकसभा सीटों पर राजभर समुदाय का वोटबैंक है.
यूपी में जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है और राजभर को योगी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं बीजेपी में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को भी मंत्री बनाया जा सकता है. बीजेपी में हाल ही में सपा, बसपा और कांग्रेस छोड़कर कई बड़े नेता शामिल हुए हैं. बसपा के सांसद रितेश पांडे और जौनपुर के सांसद के भी बीजेपी में शामिल होने के कयास लंबे समय से लगाए जा रहे हैं.
घोसी - 3,90,000
बलिया - 2,40,000
गाजीपुर - 2,60,000
चंदौली - 2,55,000
मछलीशहर - 2,25,000
बस्ती - 2,05,000
सलेमपुर - 3,10,000
मिश्रिख - 1,15,000
संतकबीरनगर - 2,10,000
कुशीनगर - 2,10,000
डुमरियागंज - 2,05,000
महाराजगंज - 1,15,000
जौनपुर - 1,80,000
अंबेडकरनगर - 2,05,000
लालगंज - 2,80,000
वाराणसी - 2,10,000
भदोही - 2,90,000
गोरखपुर - 1,95,000
देवारिया - 1,60,000
बांसगांव - 1,05,000
गोंडा - 1,96,000
श्रावस्ती - 1,80,000
बहराइच - 1,20,000
कैसरगंज - 1,10,000
बाराबंकी - 90,000
सुल्तानपुर - 1,00,000
मिर्जापुर - 1,05,000
राबर्टसगंज - 80,000
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