उत्तर प्रदेश में बिजली दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया. कांग्रेस समेत अन्य दलों ने सरकार पर साधा निशाना.
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UP Electricity Rate Hike in 2023: यूपी में बिजली दरों को बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. विपक्ष सरकार पर हमलावर दिख रहा है. सोमवार को प्रस्ताव पेश होने के बाद मंगलवार को कई सियासी दलों के प्रतिनिधियों ने सरकार पर निशाना साधा है.
सरकार मुनाफा कमाना चाह रही
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा सरकार दो चेहरे रखती है. एक तरफ किसानों को बिजली माफी की बात कहती है तो दूसरी तरफ उनको महंगी बिजली देकर उनको प्रताड़ित कर रही है. बिजली उत्पादन के लिए आज तक भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया. भाजपा प्राइवेट कंपनी से बढ़े हुए दामों पर बिजली खरीद उन्हें मुनाफा पहुंचाने का काम कर रही है.
उपभोक्ताओं के साथ अन्यास नहीं होने देंगे
वहीं, बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश ने कहा कि नियामक आयोग ने बिजली कंपनी को नोटिस दिया था. सरकार को पूरे मामले में संज्ञान लेने की जरूरत है. बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के साथ अन्याय कर रही हैं. बिजली कंपनियों से पूछताछ की जानी चाहिए. अवधेश वर्मा ने बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को असंवैधानिक कानून बताया है. साथ ही उपभोक्ताओं के साथ अन्याय नहीं होने देने का आश्वासन दिया है.
अतिरिक्त मोहलत देने से इनकार
बता दें कि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2023-24 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) और टैरिफ प्रस्ताव दायर करने के लिए बिजली कंपनियों को दो माह का अतिरिक्त मोहलत देने से इनकार कर दिया है. नियामक आयोग के आदेश के बाद पावर कारपोरेशन एआरआर और टैरिफ प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है. हालांकि, नियामक आयोग बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव ठुकरा भी सकता है. साथ ही सरकार भी इतनी ज्यादा वृद्धि का प्रस्ताव खारिज कर इसे लौटा सकती है.
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