बीजेपी और योगी सरकार के मंत्रियों ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने फैसले का स्वागत किया है. केशव प्रसाद मौर्य ने लोगों से अपील की है कि इस फैसले का स्वागत करें. कोर्ट का यह फैसला बेहद सराहनीय है. इसी तरह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने फैसले को भावनाओं के अनुरुप बताया है.
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लखनऊ: वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने योग्य करार दिया है. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को खारिज कर दिया. न्यायालय ने कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी. ओवैसी (AIMIM chief) ने इस फैसले पर कहा कि ज्ञानवापी केस भी बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के मामले की तरह आगे बढ़ रहा है. जिस बात का डर था, वही हो रहा है. ओवैसी ने कहा कि इस फैसले के बाद हर कोई कोर्ट में जाकर ये कहेगा कि 1974 से पहले से हम यहां थे, तो फिर 1991 प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का महत्व खत्म हो जाएगा.
ओवैसी के बयान को किया नजरअंदाज
ओवैसी ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अपील होनी चाहिए. उधर बीजेपी ने इस पूरे मुद्दे पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने फैसले का स्वागत किया है. केशव प्रसाद मौर्य ने लोगों से अपील की है कि इस फैसले का स्वागत करें. कोर्ट का यह फैसला बेहद सराहनीय है. सभी लोगों कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करना चाहिए. उन्होंने कहा है कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है, जो आगे चलती रहेगी. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लोगों से अपील की है कि किसी तरह का विवाद कोई न उत्पन्न करें. अदालत ने जो फैसला मां श्रृंगार गौरी को लेकर दिया है, हम सभी को इसका स्वागत करना चाहिए.
रुबिना खानम ने साधा अखिलेश पर निशाना
अलीगढ़ पूर्व सपा नेता रुबीना खानम ने ज्ञानवापी पर आए न्यायालय के फैसले का न सिर्फ स्वागत किया उन्होंने कहा भारत की बेटी हूं. भारत का नमक खाती हूं. भारत के 100 करोड़ हिंदुओ की आस्था का सम्मान करना मेरा कर्तव्य है. हमने तो पहले भी यही कहा था जिस पर तुष्टिकरण की संप्रदायक राजनीति करने वाले अखिलेश यादव ने मुझे हिंदू हितों की बात करने की सजा दी थी. कोर्ट के इस फैसले का मैं तहे दिल से स्वागत करती हूं और मुझे बेहद खुशी हुई है. शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा, कोर्ट ने अपना फैसला हिंदू मुस्लिम पक्ष के आधार पर नहीं बल्कि ज्ञानवापी मामले में पेश किए गए सबूतों के आधार पर सुनाया है. कोर्ट सिर्फ सबूतों के पक्ष को ही मानता है. सभी को कोर्ट के फैसले का स्वागत करना चाहिए.
बृजेश पाठक ने फैसले को बताया भावनाओं के अनुरुप
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि हम न्यायालय के निर्णय का स्वागत और सम्मान करते हैं और प्रदेश देश में बहुत लोग इस फैसले से प्रसन्न हैं. 1991 एक्ट का हवाला ये सब्जेक्ट न्यायालय का है और हम सब फैसले का सम्मान करते हैं लोगों की भावनाओं के अनुरूप ये फैसला है. प्रदेश में प्रसन्नता की लहर है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर स्थित में कानून का राज्य स्थापित रहेगा.