UP Budget 2023: शिक्षा और रोजगार का एक कारगर इकोसिस्टम बनाने में जुटी योगी सरकार, नई शिक्षा नीति लगू करने पर रहेगा खास फोकस
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UP Budget 2023: शिक्षा और रोजगार का एक कारगर इकोसिस्टम बनाने में जुटी योगी सरकार, नई शिक्षा नीति लगू करने पर रहेगा खास फोकस

UP News: 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के इस बजट में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की छाप भी नजर आ सकती है. जानिए क्या कुछ हो सकता है खास...

UP Budget 2023: शिक्षा और रोजगार का एक कारगर इकोसिस्टम बनाने में जुटी योगी सरकार, नई शिक्षा नीति लगू करने पर रहेगा खास फोकस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट सदन में पेश होगा. योगी आदित्यनाथ सरकार आय-व्यय को 22 फरवरी को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश करेगी. बता दें कि 20 फरवरी से शुरू हो रहे यूपी के बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा और विधान परिषद का संयुक्त अधिवेशन होगा. इस अधिवेशन में राज्यपाल का अभिभाषण होगा. इस बजट में सरकार का खास फोकस शिक्षा पर रहेगा. इतना ही नहीं 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के इस बजट में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की छाप भी नजर आ सकती है.

नई शिक्षा नीति पर काम और अनुसंधान, नवाचार को बढ़ावा
आपको बता दें कि इस बजट में नई शिक्षा नीति को बेहर ढंग से लागू करने, अनुसंधान, नवाचार को प्रोत्साहित करने, मेडिकल कॉलेज, उच्च शिक्षा और आने वाली पीढ़ीयों के लिए शिक्षा और रोजगार का कारगर इकोसिस्टम बनाना, खास फोकस हो सकता है. वहीं, अगर पिछले बजट की बात करें, तो सरकार ने शिक्षा पर खास ध्यान दिया था. तब सरकार ने मिड-डे मील स्कीम, समग्र शिक्षा अभियान के लिए के लिए करोड़ों का बजट आवंटित किया गया था. ऐसा इसलिए क्योंकि बेहतर स्कूली शिक्षा सीएम योगी की पहली प्राथमिकता है. इसके अलावा सरकार ने सैनिक स्कूलों को लेकर भी ऐलान कर सकती है. बता दें कि सरकार ने पिछले बजट में संस्कृत में पढ़ाई को भी प्रोत्साहित करने के लिए बड़े फैसले लिए थे, जिसमें संस्कृत समेत आधुनिक विषय और एनसीईआरटी को स्कूलों में लागू करना अहम था.

डबल इंजन की सरकार के बजट में खास
अभी हाल ही में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संसद में बजट पेश किया. वित्तीय वर्ष 2023-24  में केंद्र सरकार ने शिक्षा पर 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई है. ऐसे में 80 लोकसभा सीटों वाला देश का सबसे बड़ा राज्य यूपी को काफी कुछ मिलेगा. डबल इंजन की सरकार इसी दिशा में काम कर रही है. दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग को 68,804.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि उच्च शिक्षा विभाग को 44,094.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री ने बताया था कि साल 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थानिक 157 नये नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे. इनमें से काफी संख्या में मेडिकल कॉलेज यूपी में खुलेंगे.

यूपी के अन्य जिलों में भी पीपीपी मॉडल पर बन रहे मेडिकल कॉलेज
यूपी में भी योगी सरकार पार्ट वन में भी कई जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले गए. प्रदेश में 2017 से पहले केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू हो गए हैं. सुल्तानपुर, सोनभद्र, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, बिजनौर, कानपुर देहात, कुशीनगर, गोंडा, कौशांबी, ललितपुर, लखीमपुर खीरी और अमेठी में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं. यूपी के अन्य जिलों में भी पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं.

आपको बता दें कि पिछले बजट में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था. ताकि अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए युवाओं को घर के पास ही कोचिंग की फ्री सुविधा मिल सके. इसके अलावा राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज के लिए बजट दिया गया था. इतना ही नहीं यूपी में डेंटल, मेडिकल, पैरामेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज को लेकर इस बजट में ऐलान हो सकता है.

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