यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए हलचल तेज हो गई है. इस पद के लिए भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) के नाम की चर्चा तेज हो गई है. चौधरी को दिल्ली पार्टी हाईकमान ने बुलाया है, भूपेंद्र चौधरी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं.
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UP BJP PRESIDENT: यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए हलचल तेज हो गई है. इस पद के लिए भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) के नाम की चर्चा तेज हो गई है. चौधरी को दिल्ली पार्टी हाईकमान ने बुलाया है, भूपेंद्र चौधरी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं. भूपेंद्र चौधरी 1991 से बीजेपी से जुड़े हैं. वो योगी आदित्यनाथ की सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं और जाट बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं.
वो मुरादाबाद जिले के महेंद्री सिकंदरपुर गांव के निवासी हैं.चौधरी ने सपा के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था, मगर वो चुनाव हार गए. भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी अध्यक्ष पद बनाने के साथ पार्टी पश्चिम यूपी को सियासी तौर पर साधने की तैयारी माना जा सकता है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पश्चिमी यूपी (West UP) में बीजेपी को थोड़ा नुकसान झेलना पड़ा था. यहां सपा गठबंधन में शामिल रालोद ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया था. इसे वर्ष 2024 के मिशन के लिए बीजेपी का महत्वपूर्ण दांव माना जा रहा है. वेस्ट यूपी में 14 लोकसभा सीटें आती हैं. किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी को यहां काफी नुकसान झेलना पड़ा था.
बताया जाता है कि आज सुबह भूपेंद्र चौधरी आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. लेकिन अचानक ही पार्टी हाईकमान के पास से उन्हें संदेश गया और वो सारे कार्यक्रम को छोड़ पहले लखनऊ गए और दिल्ली के लिए वो रवाना हो गए हैं. पश्चिमी यूपी में बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सारे जतन कर रही है. ऐसे में अनुभवी नेता पंकज चौधरी को कमान सौंपकर पार्टी 2024 के लिए बड़ा कदम उठा सकती है. भूपेंद्र सिंह चौधरी कद्दावर जाट नेता हैं. वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के कारण स्थानीय स्तर पर नाराजगी झेल रही थी, तब भूपेंद्र सिंह चौधरी की मेहनत का असर था कि चुनाव परिणामों में उतना ज्यादा खामियाजा बीजेपी को भुगतना नहीं पड़ा, जितनी की आशंका जताई जा रही थी.
इससे पहले यूपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी उछला था. केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले दिन ट्वीट कर कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है. इसको लेकर कयास लगाए जाने लगे थे कि उन्हें दोबारा से जिम्मेदारी दी जा सकती है. केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं, यूपी विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा सीट से हार के बावजूद उन्हें दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाया गया.