Mathura: लड़कियों के छोटे कपड़े मथुरा के मंदिर में रोक, अलीगढ़-मुजफ्फरनगर के बाद लगी पाबंदी
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Mathura: लड़कियों के छोटे कपड़े मथुरा के मंदिर में रोक, अलीगढ़-मुजफ्फरनगर के बाद लगी पाबंदी

Mathura Mandir Dress Code : मथुरा के एक मंदिर को अमर्यादित कपड़े पहनकर आने वाले भक्तों को आखिरकरार नसीहत देनी पड़ी. मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि ''भगवान की पूजा और दर्शन के लिए आएं तो मर्यादित कपड़े पहनकर आएं. घर और बाहर चाहे जैसे रहें.''

Mathura ke Mandir

मथुरा (Mathura Famous Temple)  : गाजियाबाद, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर के बाद मथुरा के मंदिर में भी ड्रेस कोड का फरमान आया है. मथुरा के वृंदावन के सप्त देवालयों में शामिल ठाकुर राधा दामोदर मंदिर (Thakur Radha Damodar Mandir) दुनिया भर में प्रसिद्ध है. देश और विश्व के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा इन दिनों बनाए गए एक नियम को लेकर काफी चर्चा हो रही है.

मंदिर प्रबंधन ने अमर्यादित (छोटे कपड़े) वस्त्र पहनकर दर्शन के लिए आने वालों पर रोक लगा दी गई है. मंदिर के गेट पर पुरुष और महिलाओं से ऐसे कपड़े न पहनकर आने की अपील का बोर्ड लगा दिया गया है. सेवायत पूर्ण चंद गोस्वामी ने अन्य मंदिर संचालकों से भी ऐसे कपड़े पहनकर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगाने की अपील की है.

सनातनी संस्कृति में ऐसे कपड़े पहनकर आना निषेध
पूर्ण चंद गोस्वामी ने बताया कि हमारी संस्कृति और शास्त्रों में मंदिरों में ऐसे कपड़े पहनकर आने की मनाही है.

मुजफ्फरनगर के मंदिरों पर पोस्टर चस्पा
मुजफ्फरनगर के मंदिरों में भी ड्रेस कोड के पोस्टर चस्पा किए गए हैं.पोस्टरों पर लिखी इस अपील में लिखा गया है कि मंदिरों के अंदर फोटो ना खींचे, अमर्यादित वस्त्र पहनकर मंदिर में प्रवेश ना करें ,मंदिर की गरिमा को बनाए रखें ,गैर सनातनी का मंदिर में प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है ,मंदिर परिसर में गंदगी ना फैलाएं और मंदिर परिसर के आसपास शराब गुटका आदि का प्रयोग ना करें।

उल्लेखनीय है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से मंदिरों में मर्यादित कपड़े पहनकर आने का आह्वान हो रहा है. उधर बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक ने कहा है कि धार्मिक स्थलों मर्यादित कपड़े पहनकर आने की एक मर्यादा होती है. मंदिर की परंपरा का ध्यान रखना चाहिए. पंचायती मंदिर ठा. राधारमण लाल के पदाधिकारी अनुभूति गोस्वामी ने कहा कि लोगों को धार्मिक स्थल पर अशोभनीय वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. बाकी वह स्वतंत्र हैं कि कब क्या पहनें. यह सनातन संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है.

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गोस्वामी ने की ये अपील
ठा. राधावल्लभ मंदिर के सेवायत मुकेश बल्लभ गोस्वामी ने अपील का समर्थन करते हुए कहा कि मर्यादित कपड़े सिर्फ एक मंदिर में ही नहीं सभी मंदिरों में आने वाले भक्तों के लिए लागू होना चाहिए. मंदिर की अपनी वेशभूषा होती है. मंदिर में अश्लीलता और फूहड़पन को स्थान नहीं दिया जा सकता.

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