आरिफ के बाद अब मऊ में सारस का अनोखा प्यार, क्या यहां भी होगी अमेठी जैसी कार्रवाई?
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आरिफ के बाद अब मऊ में सारस का अनोखा प्यार, क्या यहां भी होगी अमेठी जैसी कार्रवाई?

अमेठी के बाद अब मऊ में भी सारस और एक शख्स की दोस्ती के किस्से खूब चर्चा में हैं. सारस को पालने वाले शख्स को अब डर है कि कहीं उसके ऊपर भी वैसी ही कार्रवाई न हो जैसे अमेठी में हुई थी.

आरिफ के बाद अब मऊ में सारस का अनोखा प्यार, क्या यहां भी होगी अमेठी जैसी कार्रवाई?

प्रकाश पांडे/मऊ : आरिफ सारस की दोस्ती के बाद मऊ में भी राम समुज और सारस की दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है. बताया जा रहा है कि राम समुज और सारस दोनों एक साल से साथ रहते हैं. दोनों साथ घूमते हैं. सारस और इंसान की दोस्ती की ये अनोखी मिसाल घोसी कोतवाली क्षेत्र के बड़ा गांव की है. इसको पालने वाले राम समुझ का कहना है कि यह दूध, रोटी और चावल खाता है. उनका कहना है कि आरिफ और सारस के बिछड़ने की जानकारी से आशंका हुई, पक्षी पालने की इजाजत दी जाए. आरिफ के साथ जो हुआ वह गलत हुआ. 

कुछ दिन पहले ऐसा ही एक मामला अमेठी में सामने आया था. जहां आरिफ को एक सारस जख्मी हालत में मिला था. उसने पक्षी का इलाज करवाया, उस वक्त लोगों ने आरिफ की बहुत तारीफ की, लेकिन बाद में उस पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया गया था. यही नहीं, सारस को कानपुर के चिड़ियाघर में ले जाया गया है.
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अखिलेश यादव ने भी सारस को कानपुर के चिड़ियाघर ले जाने पर ट्वीट किया था.दरअसल सारस यूपी का राजकीय पक्षी है. नियमों के मुताबिक किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना अवैधानिक होता है. उसे खिलाना पिलाना भी गैरकानूनी होता है. अमेठी की गौरीगंज तहसील के जोधपुर मंडखा गांव के रहने वाले आरिफ को लगभग साल भर पहले खेत में सारस मिला था. सारस के पैर में काफी चोट लगी हुई थी. सारस को आरिफ अपने घर ले आए थे. उन्होंने घर पर ही सारस का इलाज किया. उपचार के दौरान आरिफ ने सारस को घर का बना खाना जैसे दाल-चावल, सब्जी रोटी खिलाई. इस तरह दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई.

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