वाराणसी देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे बनेगा. मार्च महीने की 24 तारीख को पीएम अपने वाराणसी दौरे पर रोपवे के निर्माण की आधारशिला रखेंगे. बताया जा रहा है यह प्रोजेक्ट बनने के बाद लोगों को काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट आदि जाना आसान हो जाएगा.
करीब 644.49 करोड़ रूपये की लागत से इस रोपवे परियोजना में का निर्माण किया जाना है. जानकारी के अनुसार लगभग दो साल में यह रोपवे बनकर तैयार होगा. इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण, तार और पाइप शिफ्टिंग का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.
जानकारी के मुताबक यह रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक बनाया जाएगा. इसकी कुल दूरी 3.8 किलोमीटर होगी और इसे करीब 50 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जाएगा. यह रोपवे बनने के बाद लोग कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 16 मिनट में पहुंच सकेंगे.
बताया जा रहा है इस रोपवे में 150 ट्रॉली कार होंगी और एक ट्रॉली कार में एक साथ 10 सवारी बैठ सकेंगी. रोप वे का संचालन 16 घंटे तक किया जाएगा. एक घंटे में एक तरफ से 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे इसका मतलब एक घंटे में दोनों तरफ से 6000 लोग इसमें यात्रा कर पाएंगें.
इस परिजयोजना के अंतर्गत कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच रेलवे स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके साथ ही स्टेशनों पर आपको बनारस की कला, धर्म और संस्कृति की तस्वीरें देखने को मिलेंगी.
इस रोपवे परियोजना का बनाने के लिए दो कंपनियों को ठेका दिया गया है. स्विट्जरलैंड की बर्थोलेट कंपनी और भारत की नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मिलकर इस रोपवे का निर्माण करेंगी. बनारस में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण लोगों की सुविधा के लिए यह रोपवे बनाया जा रहा है.