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बनारस के घाटों की खूबसूरती को बयां करती हैं ये तस्वीरें, देखकर आंखों को मिलेगा सुकून, यकीन ना हो तो देखें Photos

Banaras Ghat: बनारस शहर अपने घाटों की खूबसूरती के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर और यहां की गंगा आरती का नजारा अद्भुत हैं, जिसे हर बार देखने का मन करता है. इन photos में देखे बनारस के खूबसूरत घाटों का नजारा.... 

 

अस्सी घाट

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अस्सी घाट

अस्सी घाट प्राचीन नगरी काशी का एक प्रमुख घाट है. इसका नामकरण असी नामक प्राचीन नदी (अब अस्सी नाला) के गंगा के साथ संगम के स्थल होने के कारण हुआ है. जिसको लेकर पौराणिक कथा है कि युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद दुर्गा माता ने दुर्गाकुंड के तट पर विश्राम किया था और यहीं अपनी असि (तलवार) छोड़ दी थी. जिसके गिरने से असी नदी उत्पन्न हुई. इसके पास कई मंदिर हैं, जो इस घाट की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं. 

 

पंचगंगा घाट

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पंचगंगा घाट

पंचगंगा घाट में स्नान की विशेष महत्ता है. माना जाता है कि यहां ताप-पाप नाशक पांच नदियों गंगा, यमुना, विशाखा, धूतपापा और किरणा का संगम होता है. यहां स्नान से हर तरह के पापों का शमन होता है. इस घाट को वाराणसी के सबसे पवित्र घाटों में से एक माना जाता है. 

 

दशाश्वमेध घाट

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दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट गंगा नदी के किनारे स्थित सभी घाटों में सबसे प्राचीन घाट है. इस घाट का इतिहास हजारों साल पुराना है. मान्यता के अनुसार ब्रम्हा द्वारा दश अश्वमेध यज्ञ करने के बाद से इसका नाम दशाश्वमेध पड़ा. 

 

हरिश्चंद्र घाट

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हरिश्चंद्र घाट

हरिश्चंद्र घाट पर राजा हरिश्चंद्र, पत्नी तारामती और उनके पुत्र रोहताश्व का पुरातन मंदिर है. साथ ही इस घाट पर एक पुराना शिव मंदिर भी है. इस घाट का नाम राजा हरिश्चंद्र के नाम पर हरिश्चंद्र घाट पड़ा. 

मणिकर्णिका घाट

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 मणिकर्णिका घाट

मणिकर्णिका घाट वाराणसी में गंगानदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध घाट है. मान्यता के अनुसार भगवान शंकर द्वारा माता पार्वती के पार्थिव शरीर का अग्नि संस्कार यहीं पर किया गया था. जिसकी वजह से इसे महाश्मसान भी कहते हैं. आज भी यहां दाह संस्कार होते हैं.