Pitru Paksha 2022: शास्त्रों में पितृ पक्ष को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. कहा जाता है कि इस पक्ष में श्राद्ध करने से पिंडदान सीधा पितरों तक पहुंचता है. इसी के साथ, पितर सीधा आपको आशीर्वाद देते हैं और वंशजों पर उनकी कृपा बनी रहती है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज हमारे घर आकर अलग रूप में हमें दर्शन देते हैं. वह मनुष्य के रूप में भी आ सकते हैं या फिर किसी पशु या पक्षी के रूप में. शायद आप न जान पाएं कि आपके पितर किस रूप में आपके सामने आए हैं. ऐसे में किसी भी मनुष्य, पशु या पक्षी का अपमान करने की भूल न करें. कहा जाता है कि ऐसा करने से उनकी आत्मा को दुख पहुंचेगा और आपके पूर्वज नाराज होकर वापस चले जाएंगे. जानें किन रूप में आ सकते हैं पितृ...
श्राद्ध के दिनों में भूखे गरीबों को खाना खिलाने की परंपरा है. अगर इस दौरान आपके घर पर कोई गरीब आता है, तो उसे कभी भी खाली पेट नहीं लौटाना चाहिए. घर आए गरीब को हमेशा खाना खिलाना चाहिए और दान-दक्षिणा भी जरूर देनी चाहिए.
मान्यता यह भी है कि इस समय कौए को भी भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि कौए को भोजन कराए बिना पितर संतुष्ट नहीं होते. क्योंकि कौए को पितरों का रूप माना गया है.
मान्यता है कि गाय को खाना देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. वहीं, यह भी कहा जाता है कि गाय की सेवा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.
शास्त्रों के अनुसार, कुत्ते को यम का दूत माना जाता है. पितृपक्ष के दौरान पंचबली भोग के दौरान कुत्ते के लिए भी भोग निकाला जाता है. वहीं, अगर इन दिनों में कुत्ते का घर आना-जाना हो, तो उसे भगाएं नहीं. कुत्ते को कुछ खाना देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
शास्त्रों के अनुसार, हमारे पितृ बिल्ली के रूप में भी हमें दर्शन दे सकते हैं. इसलिए पंडित भी हमें बिल्ली को भोज कराने को दूध पिलाने के लिए कहते हैं.