Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा के पर्ल पर उत्तर प्रदेश के हर धार्मित स्थल पर श्रद्धालुओं का सैलाब आया हुआ है. लोगों की आस्था देखते ही बन रही है. गंगा, सरयू, यमुना, आदि नदियों में भोर से ही श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इसी के साथ भगवान के जयकारों से प्रदेश गूंज उठा है. आइए देखें कुछ भक्तिमय तस्वीरें...
मुड़िया संतों ने ढोल-मृदंग-मंजीरों के साथ गोवर्धन में निकाली शोभायात्रा. नृत्य करते मुड़िया संतों का जगह-जगह हुआ स्वागत. सैकड़ों सालों से चली आ रही है मुड़िया शोभायात्रा की परंपरा. अपने गुरु सनातन गोस्वामी की याद में निकलती है मुड़िया शोभायात्रा.
गुरु पूर्णिमा के मौके पर हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हरि की पौड़ी पर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर सुबह से ही हरि की पौड़ी पर श्रद्धा का सैलाब दिखाई दिया. लोगों ने गंगा स्नान करने के बाद दान पुण्य किया और अपने अपने गुरु का पूजन भी किया.
दो साल से कोरोना काल की वजह से भक्त अपने गुरुओं से दूर रहे, लेकिन इस बार कोई भी भक्त इस अवसर को छोड़ना नहीं चाहता है. यही कारण है कि इस साल गुरु पूर्णिमा उत्सव अयोध्या में बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है.
गुरु पूर्णिमा के मौके पर लाखों की संख्या में अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु. सरयू नदी में कर रहे स्नान. स्नान के बाद राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी सहित प्रमुख मंदिरों में पूजन अर्चन कर ले रहे भगवान का आशीर्वाद. गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म की प्राचीन परंपरा है, जिस का निर्वाह आज भी लोग अपने गुरुओं के दर्शन पूजन और सेवा कर करते हैं.
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं का सैलाब गिरिराज धाम गोवर्धन में उमड़ पड़ा. देश के विभिन्न इलाकों से भक्त यहां पहुंच रहे हैं और उनकी आस्था का कोई हिसाब नहीं है. युवा से लेकर बुजुर्ग तक, महिलाओं से लेकर बच्चों तक, सभी गिरिराज महाराज की तलहटी में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं.
गुरु पूर्णिमा हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म में अपने आध्यात्मिक शिक्षकों/अधिनायकों के सम्मान और उन्हें अपनी कृतज्ञता दिखाने के रूप में मनाय जाता है. यह पर्व हिन्दू पंचांग के हिन्दू माह आषाढ़ की पूर्णिमा (जून-जुलाई) मनाया जाता है.