आषाढ़ माह के कुछ दिन ही बचे हैं , पूरे कर लें ये काम, एक साथ कई फायदे
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आषाढ़ माह के कुछ दिन ही बचे हैं , पूरे कर लें ये काम, एक साथ कई फायदे

 आषाढ़ माह खेती किसानी ही नहीं आध्यात्मिक नजरिए से भी काफी अहम होता है. इस साल 15 जून से आषाढ़ मास की शुरुआत हुई थी. यह 13 जुलाई तक रहेगा. इसके बाद सावन का पवित्र महीना शुरू होगा. सामान्यत: अषाढ़ माह के त्योहारों पर लोगों को अधिक पता नहीं होता है.

आषाढ़ माह के कुछ दिन ही बचे हैं , पूरे कर लें ये काम, एक साथ कई फायदे

लखनऊ: आषाढ़ माह खेती किसानी ही नहीं आध्यात्मिक नजरिए से भी काफी अहम होता है. इस साल 15 जून से आषाढ़ मास की शुरुआत हुई थी. यह 13 जुलाई तक रहेगा. इसके बाद सावन का पवित्र महीना शुरू होगा. सामान्यत: अषाढ़ माह के त्योहारों पर लोगों को अधिक पता नहीं होता है. जबकि आषाढ़ माह का सनातन संस्कृति में विशेष महत्व होता है. इसी महीने में देवशयनी एकादशी आती है. वैदिक मान्यता के अनुसार दिन से भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. आषाढ़ के महीने में भगवान विष्णु की विशेष आराधना की. इस महीने भगवान जगन्नाथ की यात्रा के साथ गुप्त नवरात्रि भी होती है. 

इस माह दान देने का विशेष महत्व
प्राचीन काल से आषाढ़ महीने में इंद्र देव से बारिश की मनोकामना की जाती है. इसके लिए आज भी हमारे ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग तरह के अनुष्ठान व परंपराएं होती हैं. आषाढ़ माह से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है. चातुर्मास की शुरुआत अषाढ़ शुक्ल की एकादशी से होती है. यह कार्तिक शुक्ल की एकादशी तक चलता है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व होता है. यह माह कामना पूर्ति के लिए भी खास होता है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि भी बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसे गुरुपूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है.

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राशि और ग्रहों की दशा का भी रखें ख्याल
ऐसे लोग जिनकी कुंडली में सूर्य और मंगल की स्थिति कमजोर है, और वह आर्थिक परेशानियों से निजात पाना चाहते हैं वह आषाढ़ में श्री हरि विष्णु, भोलेनाथ, मां दुर्गा और हनुमानजी की पूजा अवश्य करें. कर्मकांड के जानकारों के मुताबिक आषाढ़ मास में इनकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है. इसके लिए आप सूर्योदय से पूर्व उठें. बिना कुछ खाए पिए स्नान करें और उसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद भोजन भगवान को भोग लगाने के बाद ही ग्रहण करें.

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सूर्यदेव आरोग्य और स्वास्थ्य वर्धक देवता कहा जाता है. यदि आप आषाढ़ माह में उनकी उपासना करेंगे तो शारीरिक रूप से काफी स्वस्थ रहेंगे. अपनी आर्थिक क्षमता के मुताबिक आषाढ़ मास में जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें. मंदिरों में आप प्रसाद का वितरण कर सकते हैं. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक आषाढ़ माह में चंद्रमा पूर्वा और उत्तरा नक्षत्र में मौजूद होता है, इसलिए इस माह को आषाढ़ नाम दिया गया.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. ज़ी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता. इन्हें अपनाने से पहले आप किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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