Joshimath Crisis : जोशीमठ हादसो को लेकर एनटीपीसी की प्रतिक्रिया सामने आई है. कंपनी के मुताबिक कंपनी के निर्माण गतिविधियों की वजह से ये हादसा नहीं हुआ है. कंपनी को काम बंद होने की वजह से 500 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है.
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Joshimath Crisis : पुष्कर चौधरी/चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ भू धंसाव को लेकर एनटीपीसी सामने आई है. एनटीपीसी के सीजीएम आरपी अहीरवार एवं भुवनेश कुमार जियोलॉजी (एज़ीएम) सहित आला अधिकारियों द्वारा एनटीपीसी टनल को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. एनटीपीसी कहना है कि कंपनी की निर्माणाधीन टनल से जोशीमठ भू धँसाव नहीं हो रहा है. सीजीएम के मुताबिक टनल जोशीमठ से एक किलोमीटर औली की ओर है. यही नहीं जो टीवीएम मशीन फसी है वो जोशीमठ से 11 किलोमीटर दूर परसारी गांव के पास है. ऐसे में एनटीपीसी की निर्माणाधीन टनल के अंदर का पानी का जोशीमठ तक रिसाव की कोई संभावना नहीं है.
5 जनवरी से काम थमा
जोशीमठ भू धंसाव की वजह से एनटीपीसी का काम 5 जनवरी से ठप्प पड़ा हुआ है. 10 अप्रैल को 97 दिन हो चुके हैं. कंपनी का काम बंद होने से एनटीपीसी को भारी नुकसान से गुजरना पड़ रहा है.अब तक 520 मेगा वाट तपोवन विष्णुगाड हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट 75 प्रतिशत बन के तैयार हो गई है. इस पर अब तक 6 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.
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लेकिन जोशीमठ आपदा के कारण एनटीपीसी के कार्य बंद होने से अब तक कंपनी को 5 सौ करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. वहीं कंपनी के बंद होने से एक हज़ार से अधिक कर्मचारीयों पर रोजी रोटी का संकट आ गया है.उधर, जोशीमठ में प्रभावित भूस्वामियों को अब तक 10.46 करोड़ की मुआवजा का वितरण किया जा चुका है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं. सुरक्षा के नजरिए से अभी 167 परिवारों को राहत शिविरों में रखा गया है.ऐसे प्रभावित परिवार जिनके पास अपनी जमीन नहीं है उनके पुनर्वास के लिए भूमि चयन के बाद प्रीफैब्रिकेटेड भवन तैयार किए गए है।
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