Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी पर नहीं देखा जाता चांद, जानें क्यों कहते हैं इस 'कलंक चतुर्थी'? भूल से यदि कर लें तो ये है उपाय
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Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी पर नहीं देखा जाता चांद, जानें क्यों कहते हैं इस 'कलंक चतुर्थी'? भूल से यदि कर लें तो ये है उपाय

Ganesh Chaturthi 2022:  इस दोष से मुक्ति के लिए श्रीकृष्ण जी से संबंधित स्यामंतक मणि के चोरी होने की कथा को पढ़ें या सुनें..ऐसी मान्यता है ऐसा करने से कोई झूठा आरोप नहीं लगाएगा...गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखना बुरा अशुभ माना गया है, लेकिन यदि गलती से दिख जाए तो इससे लगने वाले दोष से बचने के लिए क्या करना चाहिए, आइए  जानते हैं.

 

 

Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी पर नहीं देखा जाता चांद, जानें क्यों कहते हैं इस 'कलंक चतुर्थी'? भूल से यदि कर लें तो ये है उपाय

Ganesh Chaturthi 2022: देश भर में 31 अगस्त को विघ्नहर्ता पार्वती नंदन भगवान गजानन की गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी. इस दिन घर-घर में गणपति बप्पा की स्थापना होती है. इन 11 दिनों में गणेश जी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. ये पर्व खासतौर से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान लोग अपने घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan)  किया जाता है.

इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों में घर में या पूजा प्रारंभ के समय भगवान गणेश को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है.

गणपति की पूजा के लिए करें इन नियमों का पालन
गणपति की साधना के लिए गणेश चतुर्थी को  बहुत ज्यादा शुभ माना गया है. ऐसा क्या कारण है कि तिथि पर चंद्रमा को देखने की मनाही होती है. धर्म शास्त्रों में इसकी कथा और चंद्र दोष दूर करने के अचूक उपाय बताए गए हैं. भगवान बप्पा की पूजा करते समय कुछ नियमों को विशेष रूप से ध्यान रखना होता है. अगर इन नियमों का पालन नहीं किया तो शुभ की जगह अशुभ फल मिलेगा. 

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तब लगता है झूठा कलंक

हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है. धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा है कि इस तिथि की रात को चंद्र दर्शन करने पर भविष्य में झूठा कलंक लगने का डर बना रहता है. इसलिए इस दोष से बचने के लिए चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए.

ये है चंद्र दोष से जुड़ी कथा, इंद्र को मिला था श्राप
ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्री गणेश जी अपने पिता शिव जी और मां पार्वती की परिक्रमा करके प्रथम पूज्यनीय कहलाए तो सभी देवी-देवताओं ने उनकी वंदना की. लेकिन चंद्रदेव को  अपने रूप और सौंदर्य पर अभिमान  था. वो चाहते थे उनको प्रथम पूज्य माना जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इससे नाराज होकर भगवान गणेश ने चंद्रमा को काले होने का श्राप दे दिया था. इस श्राप के बाद चंद्रमा को अपनी गलती का एहसास हुआ. इंद्र देव ने गणेश जी से माफी मांगी. इसके साथ ही श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा. तब भगवान गणपति ने कहा कि जैसे-जैसे सूर्य का प्रकाश उन पर पड़ेगा, वैसे-वैसे उनका तेज स्वरूप वापस आ आएगा. 

ऐसे दूर होगा चंद्र दोष
यदि गणेश चतुर्थी पर गलती से चंद्रमा के दर्शन हो जाएं तो बिल्कुल भी घबराएं नहीं. अगर इस दोष को दूर करना है तो सबसे पहले सभी बाधा को दूर करने वाले गणपति की फल-फूल चढ़ाकर पूजा करें. उसके बाद उसे चंद्रमा को दिखाते हुए किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें. भविष्य में लगने वाले कलंक से बचने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ें. निश्चित ही आपके जीवन में सुख समृद्धि आएगी.

इस मंत्र का करें जाप
सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष: स्यमन्तक:।।

भगवान गणेश को कहा जाता है विघ्नहर्ता
घर के मेन गेट पर भगवान गणेश जी की मूर्ति लगाते हैं तो ये जरूर ध्यान रहे किक दक्षिण की तरफ जो उनकी सूंड जाती है वहीं पर प्रतिमा लगाएं. और अगर घर के अंदर चौखट पर लगाते हैं तो बाएं दिशा की तरफ जो सूंड जाती है उस तरफ प्रतिमा को लगाएं. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है.  यहां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

 

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