Navratri 8th Day: नवरात्रि के आठवें दिन होती है महागौरी की पूजा, नोट करें पूजा-विधि-मंत्र और महत्व
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Navratri 8th Day: नवरात्रि के आठवें दिन होती है महागौरी की पूजा, नोट करें पूजा-विधि-मंत्र और महत्व

नवरात्रि के पावन पर्व अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है.  आज मां दुर्गा के आठवें स्वरूप आदिशक्ति महागौरी की पूजा की जाएगी. देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि मां के 9 रूपों और 10 महाविद्या सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं.

Navratri 8th Day: नवरात्रि के आठवें दिन होती है महागौरी की पूजा, नोट करें पूजा-विधि-मंत्र और महत्व

Navratri 8th Day 2022: नवरात्रि के पावन पर्व अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है.  आज मां दुर्गा के आठवें स्वरूप आदिशक्ति महागौरी की पूजा की जाएगी. देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि मां के 9 रूपों और 10 महाविद्या सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं. मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से हर असंभव कार्य पूर्ण हो जाते हैं. ज्यादातर घरों में इस दिन कन्या पूजन किया जाता है. कुछ लोग नवमी के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद कन्या पूजन करते हैं. आइए जानते हैं मां महागौरी की पूजा विधि, महत्व, मंत्र, भोग और आरती...

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ऐसा है मां का स्वरूप
मां का स्वरूप बहुत ही उज्जवल कोमल, श्वेत वर्ण और श्वेत वस्त्रधारी है.मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है. इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं.  मां का यह स्वरूप बेहद शांत और दृष्टिगत है. देवी महागौरी को गायन-संगीत प्रिय है. मां का दाहिना हाथ अभयमुद्रा लिए हुए हैं और नीचे वाले हाथ में शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है. मां बायें वाले हाथ में शिव का प्रतीक डमरू और नीचे वाला हाथ भी भक्तों को अभय दे रहा है.  मां के हाथ डमरू होने के कारण इनको शिवा भी कहा जाता है. इनकी पूजा करने मात्र सभी व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

मां महागौरी मंत्र
मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।

मां महागौरी की पूजा विधि
अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है. सफेद पुष्प चढ़ाएं. मां को रोली कुमकुम लगाएं. इसके बाद मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें. मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं.  इसके बाद आरती करके क्षमा याचना करें. अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन कन्या पूजन भी करें.

दुर्गा अष्टमी का महत्व
दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप का पूजन किया जाता है और इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. कन्या पूजन के लिए 2 से लेकर 10 वर्ष की कन्याओं को भोजन कराया जाता है.
कहते हैं कि अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों का आशीर्वाद देती हैं. क्योंकि कन्याओं का मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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