यूपी की इस जेल के कैदी बने गोपालक, जानिए कैसे करते हैं 163 गायों की सेवा
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1259159

यूपी की इस जेल के कैदी बने गोपालक, जानिए कैसे करते हैं 163 गायों की सेवा

बॉलीवुड की मशहूर फिल्म 'दो आंखें बारह हाथ' की कहानी आज भी लोगों को याद होगी, जिसमें एक जेलर कई खूंखार कैदियों को सच्चाई की राह पर चलना सिखाता है.

यूपी की इस जेल के कैदी बने गोपालक, जानिए कैसे करते हैं 163 गायों की सेवा

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: बॉलीवुड की मशहूर फिल्म 'दो आंखें बारह हाथ' की कहानी आज भी लोगों को याद होगी, जिसमें एक जेलर कई खूंखार कैदियों को सच्चाई की राह पर चलना सिखाता है. कुछ ऐसी ही तस्वीर प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में देखने को मिल रही है, जहां जेल में बंद कई खूंखार सजायाफ्ता गाय की सेवा करते नजर आ रहे हैं. नैनी सेंट्रल जेल की इस गौशाला में कैदियों ने 163 गौवंश की देखभाल का जिम्मा लिया है.

जेल में बंद 25 ऐसे कैदी हैं जो हत्या और बड़े संगीन अपराधों में सजा काट रहे हैं, लेकिन वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय की बदौलत ये सभी जीवन को नई दिशा देने की कोशिश में गौ सेवा में जुटे हैं और यह इनकी मेहनत का ही फल है कि अब इस गौशाला की कमाई लाखों में पहुंच चुकी है. 

Best Tourist Package: IRCTC लाया है बहुत ही शानदार टूर पैकेज, बेहद सस्ते में करें South India की यात्रा

जेल के सजायाफ्ता कैदियों की अनोखी गौशाला
इस गौशाला में गौवंश के लिए कूलर, पंखे से लेकर तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं. फिलहाल, जेल में  40 के करीब गाएं हैं, जो ढाई सौ लीटर दूध प्रतिदिन दे रही हैं, जिसको बेच कर होने वाली आमदनी से इन बंदियों को पारिश्रमिक भी दिया जाता है और पीने को शुद्ध दूध भी मिलता है. खास बात यह है कि इस गौशाला ने पिछले वित्तीय वर्ष में छह लाख रुपये की कमाई की है. 

गौ सेवा कर अपराधी छवि को हटाने की कर रहें कोशिश
गाय की सेवा में जुटे बंदी कहते हैं कि गाय की सेवा कर न सिर्फ वो गुनाह से तौबा कर रहे हैं, जिससे उन्हें सुकून मिल रहा है, बल्कि सेवा के बदले उनकी कमाई भी हो रही है. उनके दिन की शुरुआत गायों को चारा डालने से होती है. फिर उन्हें नहलाने, खिलाने और देखभाल का क्रम दिन भर चलता है. गौशाला में कई दर्जन गाय के छोटे बछड़े भी हैं, जिनके चलते सेवादारों का मन भी लगा रहता है.

Benefits Of Fasting: व्रत के फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान, शरीर और दिमाग दोनों के लिए है बेहद फायदेमंद

वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय बताते है कि सेंट्रल जेल नैनी की 'बंदी कल्याण एवं पुनर्वास सहकारी समिति' जो कि एक रजिस्टर्ड संस्था इस गौशाला का संचालन करती है. गौशाला के लिए कई बंदी स्वेच्छा से सेवा देते हैं और मैन पॉवर की कमी न होने के कारण यह गौशाला अब एक सफल डेरी का रूप ले रही है.

उनकी योजना है कि आने वाले दिनों में गीर नस्ल की कुछ गायों को जेल में लाकर जेल के दुग्ध उत्पादन को बढ़ाया जाए. यह गौशाला जेल में बंद तमाम कैदियों के जीवन को नई दिशा तो दे ही रही है, साथ ही जेल में उनको रोजगार भी मिल रहा है.

जेल की गिनती देश के सबसे खतरनाक जेलों में होती हैः पीएन पांडेय
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय बताते है कि प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल की गिनती देश के सबसे खतरनाक जेलों में होती है. जहां कश्मीरी आतंकियों के साथ ही कई बड़े माफिया और गैंगस्टर के अलावा कई सांसद, विधायक और पूर्व मंत्री भी बंद हैं, लेकिन इसी जेल में यह गौशाला ऐसी जगह है जो आपको सुकून देगी, यकीन मानिए यहां प्राकृतिक वातावरण के बीच बनी इस गौशाला से आपका बाहर जाने का मन नहीं होगा.

WATCH LIVE TV

Trending news