Muzaffarnagar: शादी में पड़ ना जाए खलल, इसलिए मोर्चरी में रखवा दिया शव, लिखा - तीन दिन बाद ले जाएंगे !
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Muzaffarnagar: शादी में पड़ ना जाए खलल, इसलिए मोर्चरी में रखवा दिया शव, लिखा - तीन दिन बाद ले जाएंगे !

Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग की लाश को मोर्चरी में इसलिए रखवा दिया गया कि घर में शादी के कार्यक्रम में खलल न पड़े. विस्तार से पढ़िए पूरा मामला.

 

Muzaffarnagar: शादी में पड़ ना जाए खलल, इसलिए मोर्चरी में रखवा दिया शव, लिखा - तीन दिन बाद ले जाएंगे !

अंकित मित्तल/मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर से ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. बीमार दादी की अस्पताल में मौत हो गई. शादी के रंग में कोई भंग ना पड़े, इसलिए दादी की डेड बॉडी को तीन दिन के लिए मोर्चरी में रखवा दिया गया. जिसके लिए अस्पताल प्रबंध को लिखकर दिया गया कि 'घर में शादी है. दादी के मृत शरीर को अस्पताल की मोर्चरी में रख रहे हैं. तीन दिन बाद 12 जून  की सुबह ले जाएंगे.'

पूरा मामला नई मंडी कोतवाली इलाके के भोपा रोड स्थित ईवान मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का है. शनिवार यानी 10 जून 2023 को सिसौली गांव निवासी 75 वर्षीय कमला नामक वृद्धा की उपचार दौरान मौत हो गई. 11 जून को कमला के पोते शिवम की बारात जानी थी. इसलिए शनिवार दोपहर को वृद्धा की डेड बॉडी को तीन दिन के लिए ईवान हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख दिया गया.

मृतका कमला के पोते गौरव गुप्ता पुत्र नरेंद्र गुप्ता ने अस्पताल प्रबंधन को लिखकर दिया कि “मैं गौरव गुप्ता पुत्र नरेंद्र गुप्ता अपनी दादी कमला गुप्ता जो मृतक है, उसके मृत शरीर को इवान हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख रहा हूं. हमारे यहां शादी होने के कारण मैं मृतक शरीर को 12/06/2023 को सुबह ले जाउंगा.''

अस्पताल में फिर क्यों हो गया हंगामा 
इसी बीच कमला के संत बेटे स्वामी भक्ति भूषण गोविंद को अपनी मां की तबीयत ज्यादा खराब होने की खबर मिली तो वो रात के वक्त ही अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने अपनी मां को ICU में देखने जाने की जिद की तो उसे अंदर नहीं जाने दिया. जब उनको मां की मौत की हकीकत का पता लगा तो मां के मृत शरीर को अस्पताल प्रबंध-तंत्र से सुपुर्द करने की मांग की, लेकिन अस्पताल ने इसके लिए इनकार कर दिया. जिसको लेकर अस्पताल स्टाफ के साथ उनकी बहस भी हुई. हंगामा होते देख अस्पताल प्रबंधन ने परिवार के उन सदस्यों को भी बुला लिया, जो डेड बॉडी को मोर्चरी में रखवा कर गए थे. 

संत बेटे ने शुक्रताल में किया अंतिम संस्कार
हंगामे के बाद स्वामी भक्ति भूषण गोविंद ने 10 हजार रुपये बतौर मोर्चरी फीस जमा कर अपनी मां के मृत शरीर को अस्पताल प्रबंधन से अपने सुपुर्द लिया. जिसके लिए उन्हें भी बाकायदा उसी पर्चे पर ये लिखकर देना पड़ा कि “मैं स्वामी भक्ति भूषण गोविंद अपनी पूज्य मां का शरीर लेकर हॉस्पिटल से श्रीधाम शुक्रताल जा रहा हूं, जहां इनका दाह-संस्कार किया जाएगा!”

हंगामे के बाद स्थगित हुई शादी
गौरव गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दादी की मौत की वजह से शादी फिलहाल स्थगित कर दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि 'वो लोग परिवार समेत शुक्रतीर्थ गए थे और दादी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.' हालांकि उन्होंने दादी की डेडबॉडी को तीन दिन तक शादी की वजह से मोर्चरी में रखने के कारण को स्पष्ट नहीं किया. पूरे प्रकरण को लेकर स्वामी से भी वार्ता करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस संबंध में किसी भी तरह की वार्ता करने से ही इनकार कर दिया. 

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