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मो.गुफरान/प्रयागराज: देश को आजाद हुए 75 साल पूरे होने वाले हैं. ऐसे में पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मना रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी के आवाहन के बाद अलग अलग तरीके से हर वर्ग के लोग आजादी के अमृत महोत्सव को कुछ खास बनाने में लगे हुए हैं. एक तरफ पूरे देश में जहां हर घर तिरंगा की मुहिम चल रही है.
सीएम योगी के कार्यों से प्रभावित हो निकाल रहे तिरंगा पदयात्रा
प्रतापगढ़ के रहने वाले मोहम्मद कासिम ने अनोखी पहल की है. मोहम्मद कासिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों से प्रभावित होकर तिरंगा पदयात्रा निकाल रहे हैं. प्रयागराज से लखनऊ की दूरी 210 किलोमीटर है, लेकिन अलग-अलग गांव से होकर गुजरने के बाद यह यात्रा 250 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने के बाद खत्म होगी.
प्रयागराज के महर्षि भरद्वाज आश्रम से की पदयात्रा की शुरुआत
सिर पर टोपी लगाए मोहम्मद कासिम ने इस पदयात्रा की शुरुआत प्रयागराज के महर्षि भरद्वाज आश्रम से शुरू की है. यह पदयात्रा 4 अगस्त से शुरू होकर 14 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पर पहुंच कर पूरी होगी.
क्रांतिकारियों के बलिदान से प्रेरित हो शुरू की तिरंगा पदयात्रा
मोहम्मद कासिम का कहना है कि सभी देशवासियों को आज़दी बेहद कठिनाई से मिली है. इस आजादी के लिए क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद, वीर अब्दुल हमीद, महात्मा गांधी जैसे महान क्रांतिकारी लोगो ने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दी है. ऐसे में उस समय को याद करते हुए ऐसे ही क्रांतिवीर योद्धा जिन्होंने अपने आपको देश को समर्पित किया और उन्ही के बलिदान से प्रेरित होकर तिरंगा पदयात्रा की शुरुआत की है.
''धूप हो या बारिश हर हाल में 10 दिन में पूरी करूंगा पदयात्रा''
मोहम्मद कासिम का कहना है कि कितने मुश्किल हालातों से देश को आजादी मिली है. ऐसे में खुद को एहसास दिलाने के लिए यह संकल्प लिया है. यात्रा जिन जिन गांव से होकर गुजरेगी, वहां लोगों को वह देश के प्रति अपना योगदान देने के लिए प्रेरित भी करेंगे. कासिम ने यह भी कहा कि भले ही पांव में छाले पड़ जाए फिर भी इस यात्रा को वो 10 दिन में जरुर पूरी करेंगे चाहे तेज धूप हो या बारिश हो उनका हौसला कम नहीं होगा. देश के अनेकों क्रांति वीरों ने देश की आजादी में अहम योगदान दिलाया है. ऐसे में देश को आजाद हुए 75 साल हो रहे हैं और वह भी अपने इन कार्यों से उन क्रांति वीरों को नमन भी कर रहे हैं.