Noida Myth: अखिलेश ने 'नोएडा' के डर को 11 साल बाद किया खत्म, आज पहली बार रखेंगे कदम
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Noida Myth: अखिलेश ने 'नोएडा' के डर को 11 साल बाद किया खत्म, आज पहली बार रखेंगे कदम

Noida Myth:  नोए़डा के बारे में मिथक है जो भी यहां पर जाता है उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती है.... यही वजह थी कि अखिलेश यादव वर्ष 2012 में सीएम पद पर बैठने के बाद लगातार 11 साल तक नोएडा नहीं आए..

Noida Myth: अखिलेश ने 'नोएडा' के डर को 11 साल बाद किया खत्म, आज पहली बार रखेंगे कदम

Noida Myth: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शनिवार को  नोएडा आ रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 हारने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष का यह पहला दौरा है.यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान सपा मुखिया साल 2012 से 2017 के बीच कभी नोएडा नहीं आए.  नोएडा के लिए अंधविश्वास माना जाता है  कि जो भी यहां पर वर्तमान मुख्यमंत्री आता है, तो उसकी कुर्सी चली जाती है.  हालांकि, मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने ये अंधविश्वास सीएम पद पर रहते तोड़ दिया है. 

दादरी आए पर नहीं रखा जमीन पर पैर
अखिलेश ने पिछले 11 सालों से नोएडा की जमीन पर कदम नहीं रखा है. 2012 से 2017 तक अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल तक में वह एक भी बार नोएडा नहीं आए. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के मतदान से पहले गौतमबुद्धनगर से दूरी बनाए रखने वाले अखिलेश यादव मिथक तोड़ने  रात करीब 11 बजे दादरी के लोहाली टोल प्लाजा पर पहुंचे थे और इसके बाद 12.45 बजे नोएडा पहुंचे, लेकिन उन्होंने जमीन पर पैर नहीं रखा. वह अपने रथ पर ही सवार रहे. सैकड़ों समर्थकों ने ढोल नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ स्वागत किया.  उनके साथ राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी भी थे.सपा प्रमुख ने अपने रथ की खिड़की खोलकर हाथ हिलाया और दिल्ली की तरफ रवाना हो गए. बता दें कि गौतमबुद्धनगर की तीनों विधानसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट जेवर ही राष्ट्रीय लोकदल के खाते में गई थी.

अखिलेश को लगता है डर
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि जो भी नेता नोएडा का दौरा करता है उसकी कुर्सी चली जाती है. 1980 से लेकर अब तक पांच बार ऐसा हो चुका है, जब यूपी के मुख्यमंत्रियों को नोएडा का दौरा करने के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. अखिलेश भी इस अंधविश्वास को मानते हैं. इसलिए अपनी सरकार जाने के बाद भी उन्होंने नोएडा में कदम नहीं रखा. 1980 में एनडी तिवारी नोएडा आए थे, और कुर्सी गंवा बैठे. इसी तरह, 1988 में वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया, इसके कुछ दिन बाद उनकी कुर्सी चली गई. 1995 में मुलायम सिंह, 1997 में मायावती और 1999 में कल्याण सिंह के साथ भी यही हुआ था. 2011 में भी मायावती नोएडा आईं और 2012 में सत्ता से बाहर हो गईं थी.

योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा मिथक 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अंधविश्वास को नहीं मानते. अपने कार्यकाल के दौरान वह 20 से ज्यादा बार नोएडा आ चुके हैं. सीएम योगी मेट्रो का उद्घाटन करने के लिए 23 दिसंबर 2017 को नोएडा आए थे. इस दौरान हुई सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अखिलेश को नोएडा के बहाने अंधविश्वासी करार दिया था. 25 दिसंबर 2017 को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज मुझे खुशी है कि जिस नोएडा को लेकर एक छवि बन गई थी कि कोई मुख्यमंत्री यहां आ नहीं सकता. उस मिथक को योगी जी ने बिना बोले अपने आचरण से सिद्ध कर दिया कि ये मान्यताएं गलत होती हैं. आधुनिक युग में ऐसा हो नहीं सकता.

गढ़ी चौखंडी में अखिलेश का कार्यक्रम
पूर्व सीएम अखिलेश यादव का शनिवार को एक कार्यक्रम नोएडा के गढ़ी चौखंडी में है. इस कार्यक्रम के बाद वह सपा के विधानसभा प्रत्याशी रहे सुनील चौधरी के आवास पर अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे. 

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