UP में शिक्षा के रोल मॉडल बनते जा ये शिक्षक, खास पहल की हो रही जमकर तारीफ
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UP में शिक्षा के रोल मॉडल बनते जा ये शिक्षक, खास पहल की हो रही जमकर तारीफ

UP News: जालौन का एक सरकारी विद्यालय में तैनात शिक्षक बच्चों को किताबी ज्ञान से लेकर उन्हें तकनीकी ज्ञान भी दे रहे हैं. शिक्षा विभाग के टि्वटर हैंडल से पोस्ट कर शिक्षक के काम की तारीफ की जा रही है.

UP में शिक्षा के रोल मॉडल बनते जा ये शिक्षक, खास पहल की हो रही जमकर तारीफ

जितेन्द्र सोनी/जालौन: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जालौन का एक सरकारी विद्यालय में तैनात शिक्षक बच्चों को किताबी ज्ञान से लेकर उन्हें तकनीकी ज्ञान भी दे रहे हैं. स्कूल में बच्चों के लिए एक अलग लाइब्रेरी को तैयार किया गया है. इसके अलावा स्कूल में छात्रों को प्रोजेक्टर की मदद से पढ़ाया जाता है. जालौन के अमखेड़ा में तैनात शिक्षक छात्रों को छात्रों को संस्कारवान और तकनीकी तौर पर तैयार कर रहे हैं, ताकि भविष्य में बच्चे किसी ज्ञान से वंचित न रहें. जालौन के सरकारी स्कूल के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. आइए बताते हैं पूरा मामला.

दरअसल, ये वीडियो शिक्षा विभाग के टि्वटर हैंडल से पोस्ट कर शिक्षक के काम की तारीफ की जा रही है. वहीं, उत्तर प्रदेश में हाल में ही जारी हुई. इतना ही नहीं एक विज्ञापन में सीएम योगी के साथ अमखेड़ा विद्यालय में तैनात शिक्षक विपिन उपाध्याय की तस्वीर भी नजर आ रही है.

सरकार तक पहुंच रही एक्टिविटी की तस्वीरें
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा की तस्वीरें वायरल होती रहती हैं, लेकिन प्रदेश में कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्होंने स्कूल परिसर की बिल्डिंग व छात्रों के जीवन को नया रूप देने का प्रयास किया है. ऐसे ही एक शिक्षक विपिन उपाध्याय हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार के द्वारा 'राज्य शिक्षक पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है. विपिन उपाध्याय जालौन के अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात हैं. उनके छात्रों के एक्टिविटी की तस्वीरें बेसिक शिक्षा डिपार्टमेंट से लेकर योगी सरकार तक पहुंच रही है.

छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के तरीके को लेकर किया गया ट्वीट 
जानकारी के मुताबिक विपिन उपाध्याय 29 जुलाई 2013 को अमखेड़ा प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात हुए थे. नियुक्ति के बाद उन्होंने विद्यालय का माहौल बदलने का काम किया. इसके अलावा विद्यालयों को भी मॉडल बनाया गया. वहीं, कक्षा 1 से 3 तक के छात्र यहां पर किताबों से नहीं बल्कि प्रोजेक्ट और टीवी के सहारे पढ़ाई करते हैं. आपको बता दें कि स्कूल में लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है. जहां पर छात्र पठन-पाठन का काम करते हैं. दरअसल, स्कूल में टीवी प्रोजेक्टर, स्टेबलाइजर, इन्वर्टर, कूलर, हैंडवाश जैसी तमाम सुविधाएं दी गईं हैं. नवाचार के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए उनका चयन किया गया है. डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन की तरफ से छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के तरीके को ट्वीट किया जा रहा है.

आपको बता दें कि स्कूल में किताबी ज्ञान के साथ-साथ विपिन छात्रों को उनके जीवनशैली से जुड़ी हुई तमाम बातें सिखाते हैं, जो उन्हें दूसरे छात्रों से अलग बनाती हैं. जी20 सम्मेलन, मोटे अनाज की खूबियां, रोड सेफ्टी के नियम, अपनों से बड़ों का सम्मान जैसी एक्टिविटी बच्चों को सिखाते हैं. डिपार्टमेंट ऑफ बेसिक एजुकेशन की तरफ से कार्यक्रमों को ऑफिशियल ट्वीट भी किया गया है. इसके अलावा बदलते बेसिक स्कूल की कहानियों में अमखेड़ा को बुंदेलखंड में पहला दर्जा दिया गया है. हाल ही में 'कच्ची मिट्टी में बोए जाते हैं ख़्वाबों के बीज...पत्थरों से कभी कोई दरख़्त निकलते नहीं देखा...' ये शीर्षक काफी वायरल हो रहा है.

वहीं, विकासखंड माधौगढ़ के प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात विपिन उपाध्याय बताते हैं कि स्कूल में पढ़ने को आने वाले छात्रों को किताबी ज्ञान के अलावा कई ऐसी बातें हैं, जिसकी जानकारी होना बेहद आवश्यक है. स्कूल में समय-समय पर खेल संबंधी प्रतियोगिताएं, सामान्य प्रतियोगिता, देश विदेश की बाते जैसे प्रोग्राम आयोजित होते रहते हैं. हमारा प्रयास है कि छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया जाए. इससे यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह किसी अन्य विद्यालय में खुद को असहज महसूस न करें.

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