Trending Photos
मेरठ: होली का त्योहार बिलकुल पास है. वहीं, मिलावटखोरों का तांडव पूरे चरम पर है, लेकिन क्या आपका पता है कि हानिकारक सामान बेचने आजीवन कारावास पर हो सकता है. इसके लिए मिलावटखोरों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसी के तहत मेरठ में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान के तहत तीन सौ किलो पनीर और तीन सौ किलो रसभरी पकड़ी गई. इसके अलावा 8 किलो चमचम नष्ट कराया गया. आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे मिलावट की जांच कर सकते है और सजा का क्या प्रावधान है.
खुद ऐसे कर सकते हैं मिलावट की जांच
मावे की ऐसे करें जांच
त्यौहारों के इस मौसम में पर घर-घर मावा यानि खोआ की डिमांड रहती है इसलिए सबसे ज्यादा खोया में मिलावट की जाती है. इसमें मिलावट परखने का सबसे आसान घरेलू उपाय है. आयोडिन टिंचर नाम के केमिकल की की कुछ बूंद खोया पर डालें. अगर खोआ काला या बैंगनी हो जाए तो उसमें स्टार्च की मिलावट है.
हल्दी की ऐसे करें जांच
मिलावटखोर हल्दी में पीले रंग की मिलावट करते हैं. इससे कैंसर हो सकता है. हल्दी का नमूना परखनली में लेकर स्प्रिट की 5-6 बूंद मिलाएं. रंग पीला हो जाए तो समझ लीजिए मिलावट है.
लाल मिर्च की ऐसे करें जांच
लाल मिर्च में इसमें मिलावटखोर ईंट का पाउडर या चूरा मिलाते हैं. इससे पेट की समस्या होती है. लाल मिर्च को पानी में मिलाकर हिलाएं अगर इसमें ईंट पाउडर की मिलावट होगी तो नीचे बैठ जाएगा.
धनिया में मिलावट की ऐसे करें जांच
मिलावटखोर धनिया में मिट्टी और बुरादा मिलाते हैं. एक परखनली में पानी के ऊपर चुटकी भर धनियां डालेंगे तो बुरादा पानी के ऊपर तैरने लगेगा. इसका मतलब इसमें मिलावट की गई है.
काली मिर्च में मिलावट की ऐसे करें जांच
मिलावटखोर काली मिर्च में पपीते के बीज मिलाते हैं. इससे लीवर की दिक्कत होती है. टेस्ट ट्यूब में पानी लेकर साबुत काली मिर्च का नमूना डालने पर काली मिर्च नीचे बैठ जाएगी जबकि पपीते के बीच तैरने लगेंगे.
चीनी में मिलावट की ऐसे करें जांच
मिलावटखोर चीनी में चॉक पाउडर की मिलावट करते हैं. इससे लीवर में दिक्कत आती है. चीनी को पानी में घोलने पर चॉक पाउडर नीचे बैठ जाता है, इससे मिलावट का पता लग जाता है.
चाय में मिलावट की ऐसे करें जांच
मिलावटखोर पहले प्रयोग में लाई जा चुकी चाय में रंग का प्रयोग करते हैं. अगर ऐसी चाय की पत्ती को भीगे सोख्ते पर छिड़का जाए तो कागज रंगीन हो जाएगा, तो समझ लीजिए मिलावट हुई है.
अरहर दाल में मिलावट की ऐसे करें जांच
दरअसल, अरहर दाल में खेसारी दाल की मिलावट होती है. जिससे पेट दर्द लीवर कैंसर, अल्सर की बीमारी होती है. नमूने को पानी में आधे घंटे तक हिलाएं. अगर खेसारी दाल है तो पानी का रंग हरा हो जाएगा.
दूध में मिलावट की ऐसे करें जांच
त्योहारों के इस मौसम में सबसे ज्यादा खपत दूध की होती है. इस कारण दूध में जमकर मिलावट होती है. दूध में वनस्पति, यूरिया, डिटर्जेंट और फार्मलीन की मिलावट की जाती है. इससे पेट दर्द, अल्सर और लीवर की बीमारी होती है. इसकी जांच के लिए एक टेस्ट ट्यूब में दूध लेकर समान मात्रा में हाइड्रो क्लोरिक एसिड मिलाते हुए गर्म करें. अगर लाल रंग आता है, तो वनस्पति की मिलावट है. परखनली में दूध लेकर यूरियेज एन्जाइम डालकर अच्छी तरह हिलाएं और पांच बूंद पोटेशियम कार्बोनेट मिलाकर फिल्टर पट्टी पर कार्क से ढक दें. फिल्टर पेपर का रंग यदि पहले लाल, फिर हरा हो जाए तो यूरिया की मिलावट है.
जानिए मिलावट करने पर क्या है सजा का प्रावधान
किसी भी खाद्य पदार्थ में मिलावट करने पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 में सजा का प्रावधान है. मिलावट अगर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, तो 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है. इसके अलावा 5 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. अगर किसी खाद्य पदार्थ में ऐसी मिलावट है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है. जैसे दूध में पानी तो उसमें भी लाखों रुपए का जुर्माना हो सकता है. ये तमाम जानकारी अभिहित अधिकारी दीपक सिंह ने दी.