SP की दगे कारतूस के दम पर 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी, ऐसे ही 10 साल चिल्लाएंगे: OP Rajbhar
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SP की दगे कारतूस के दम पर 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी, ऐसे ही 10 साल चिल्लाएंगे: OP Rajbhar

Ghazipur News: गाजीपुर में ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्या पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जब वह बसपा सरकार में थे तब नहीं दिखाई दिया की रामायण की चौपाई और ग्रंथ गड़बड़ है.

SP की दगे कारतूस के दम पर 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी, ऐसे ही 10 साल चिल्लाएंगे: OP Rajbhar

गाजीपुर: कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने गाजीपुर (Ghazipur) पहुंचे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (OP Rajbhar) ने सपा और स्वामी प्रसाद मौर्या को लेकर जमकर निशाना साधा है. ओपी राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी दगे हुए कारतूस के दम पर 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि सपा ने 2019 और 2022 का चुनाव इन्हीं देगे हुए कारतूसों के दम पर लड़ा था. आइए बताते हैं उन्होंने और क्या कुछ कहा.

स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए ओपी राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को कोई जब 10 माह नहीं पूछा, तो उन्होंने उल जूलूल बयान देना शुरू किया, ताकि कोई उन्हें भी जाने. बता दें कि ओपी राजभर कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने लखनऊ से सड़क मार्ग से गाजीपुर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जखनियां के सादात इलाके में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरितमानस के बयान और सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लेकर अखिलेश यादव पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में स्वामी प्रसाद भी चुनाव हार गए थे.

जब बसपा सरकार में थे तब नहीं दिखाई ग्रंथ गड़बड़ है?
ओपी राजभर ने कहा कि इनकी जो टीम घोषित हुई है, उसमें जो बड़े चेहरे दिखा रहे हैं, वो लोग सत्ता के लोलुप्त लोग हैं. इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्या को लेकर राजभर ने कहा कि जब वो बसपा सरकार में थे, तब रामायण की चौपाई और ग्रंथ गड़बड़ नहीं दिखाई दिया, फिर उसके बाद रामम शरणम गच्छामि होकर राम की शरण में चले गए. वहीं, फूल माला चढ़ाने लगे. पांच साल तक अपनी बेटी को सांसद बना लिया और खुद मंत्री बन गए, तब दिखाई नहीं दिया.

कई जाति के लोग लिस्ट में नहीं
उसके बाद फिर वह दांव लगाएं, जब वहां भी दांव नहीं लगा. अपना चुनाव भी हार गए और सरकार भी नहीं बनी. जब 10 महीने तक कोई उनका नाम लेने वाला नहीं मिला, तब उन्होंने सोचे कि अब उलूल जूलूल ही शुरू करें, नहीं तो कोई जानेगा ही. वहीं, अखिलेश यादव की कार्यकारिणी लिस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि उस लिस्ट में क्या कोई गोंड़, खरवार, बारी, बंजारा, बहेलिया आदि जाति के लोग लिस्ट में नहीं हैं. इन लोगों की संख्या बहुत बड़ी है. इसी कमेटी के बल पर 2019, 2022 का चुनाव लड़े थे क्या हुआ. अब एमएलसी का चुनाव हो ही गया और नगर निकाय का चुनाव होने वाला है. रिजल्ट देख लीजिएगा क्या होगा.

अखिलेश यादव के धार्मिक बयान को लेकर कहा
वहीं, उन्होंने अखिलेश यादव के धार्मिक बयान को लेकर राजभर ने कहा कि सत्ता में रहते हैं, तो मानते हैं. जब मुख्यमंत्री थे तो मान रहे थे. दरअसल, समाजवादी पार्टी जब सत्ता में रहती है, तब सब धर्म मानती है. अगर धर्म मानती ही नहीं है, तो वह पूजा करने कहां जा रहे थे. इस दौरान राजभर ने कहा कि अभी हमने देखा है कि कोई काला झंडा दिखा रहा था, तो वह कहां जा रहे थे पुजवा करने? क्या गुरुद्वारा में जा रहे थे, चर्च में जा रहे थे, या मस्जिद में जा रहे थे, सनातन धर्म को नहीं मान रहे थे, तो क्या बोले थे टीवी पर? 

वहीं, शिवपाल यादव को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने यह सम्मान जरूर दिया है, लेकिन 2024 के चुनाव में ये लोग-गोल लेकर ढोल बजाएं, कुछ होने वाला नहीं है. विरोध में खूब चिल्लाए, लेकिन हमें लग रहा है कि ये 10 साल तक ऐसे ही चिल्लाएंगे.

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